ज्ञात हो कि लोकसभा चुनावों में चंद्रपुर के भाजपा प्रत्याशी को बुरी तरह से हारना पड़ा। ढ़ाई लाख से अधिक वोटों से मिली हार को लेकर मंथन चल रहा है। उन दिनों विधायक किशोर जोरगेवार एवं भाजपा प्रत्याशी सुधीर मुनगंटीवार के बीच अनबन की खबरें आयी। हालांकि मतदान के मुहाने पर जोरगेवार ने एक विशाल आयोजन कर भाजपा को अपना समर्थन घोषित किया। लेकिन अनबन का दंश और मनमुटाव दूर हुआ होगा, ऐसा प्रतीत नहीं होता। क्योंकि जोरगेवार द्वारा भाजपा को समर्थन घोषित किये जाने के बावजूद यंग चांदा ब्रिगेड के जांबाज कार्यकर्ताओं ने दिल से भाजपा का साथ नहीं दिया, ऐसी चर्चा आज तक कायम है। ऐसे में यदि जोरगेवार आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार बनते हैं तो भाजपा के सच्चे कार्यकर्ता कितनी निष्ठा रखकर जोरगेवार के समर्थन में काम करेंगे, यह तय कर पाना मुश्किल है।
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इसके बावजूद जोरगेवार बीते अनेक दिनों से लगातार रोज मीडिया में छाये रहने के लिए प्रयासरत हैं। कभी धार्मिक आयोजन हो या सामाजिक उपक्रम हो, वे अग्रसर दिखाई पड़ते हैं। करोड़ों का फंड सरकार से पाते समय धार्मिक स्थलों पर इनका अधिक फोकस नजर आता है। परंतु सरकार से 200 यूनिट बिजली फ्री दिलाने में जोरगेवार अब तक नाकाम ही रहे हैं।
कांग्रेस को चाहिये बौद्ध उम्मीदवार, इसलिए जोरगेवार पिछड़े
आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए हर राजनीतिक दल अपने-अपने दल के लिए उपयुक्त उम्मीदवार की खोज कर रही है। ऐसे में काफी लंबे अरसे से कांग्रेस को चंद्रपुर में मिल रहे पराजय का कलंक मिटाने के लिए इस बार कांग्रेस की टिकट बौद्ध उम्मीदवार को देने का फैसला लिये जाने की जानकारी है। इन हालातों को देखते हुए कांग्रेस के पास एक दर्जन से अधिक नाम पहुंच गये। इस बीच कांग्रेस से संपर्क कर जोरगेवार के लिए कांग्रेस का टिकट पाना मुश्किल बन गया। क्योंकि जोरगेवार अनुसचित जाति से तो आते हैं, लेकिन बौद्ध समुदाय से नहीं हैं।