चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र में शनिवार सुबह दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आईं, जहां एक आदमखोर बाघिन ने दो अलग-अलग जगहों पर हमला कर तीन महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई है। यह भयावह घटनाक्रम पूरे इलाके में डर और मातम का माहौल पैदा कर चुका है।
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पहली घटना: दबे पांव आई बाघिन ने बरपाया कहर
सुबह करीब 9:15 बजे सिंदेवाही के डोंगरगांव क्षेत्र के चारगाव बडगे कक्ष क्रमांक 252 में वंदना विनायक गजभिये (उम्र 50) तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल में गई थीं। उसी दौरान झाड़ियों में छिपी बाघिन ने उन पर अचानक झपट्टा मारा। वंदना की चीखें सुनकर आस-पास मौजूद अन्य महिलाएं और ग्रामीण दौड़े, जिससे बाघिन डरकर जंगल की ओर भाग गई, लेकिन तब तक वंदना गंभीर रूप से घायल हो चुकी थीं।
घटना की सूचना मिलते ही वनविभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्राथमिक जांच के बाद वंदना को ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
दूसरी घटना: तीन महिलाओं की दर्दनाक मौत, सास-बहू शामिल
इसी दिन दोपहर में एक और दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई। सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के मेंढा (माल) जंगल में शुभांगी मनोज चौधरी (38), कांताबाई बुधा चौधरी (60) और रेखा शालिक शेंडे (48) तेंदूपत्ता इकट्ठा करने गई थीं। जब देर शाम तक वे घर नहीं लौटीं, तो परिजनों और ग्रामीणों ने खोज शुरू की।
ढूंढ़ते हुए जब लोग मेंढा माल जंगल के डोंगरगांव बीट कक्ष क्रमांक 1355 पहुंचे, तो वहां तीनों महिलाओं के शव खून से सने मिले। यह भयावह दृश्य देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। तुरंत वनविभाग को सूचना दी गई और अधिकारियों ने पहुंचकर पंचनामा कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिंदेवाही भेजा।
सबसे दिल दहला देने वाली बात यह है कि मृतकों में एक ही परिवार की सास और बहू शामिल थीं। गांव में कोहराम मच गया और हर आंख नम हो गई।
इलाके में डर और मातम का माहौल
इन घटनाओं की खबर पूरे तालुका में आग की तरह फैल गई। सिंदेवाही ग्रामीण अस्पताल के बाहर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हालात को काबू में रखने के लिए सिंदेवाही पुलिस को तैनात किया गया।
वनविभाग ने इन हमलों को बेहद गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। शुरुआती रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि हमले एक ही बाघिन द्वारा किए गए हैं। अब वन विभाग उस आदमखोर बाघिन की पहचान और पकड़ के लिए सक्रिय हो चुका है।
वन विभाग की अपील: सतर्क रहें, अकेले जंगल न जाएं
वनविभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले या छोटे समूह में जंगल न जाएं, विशेषकर तेंदूपत्ता या लकड़ी के लिए। विभाग ने चेतावनी दी है कि बाघिन अब भी जंगल में घूम रही है और दोबारा हमला कर सकती है।
जनभावना: पिंजरे में कैद हो आदमखोर बाघिन
स्थानीय नागरिकों और मृतकों के परिजनों ने वनविभाग से मांग की है कि आदमखोर बाघिन को जल्द से जल्द पकड़कर पिंजरे में डाला जाए या जंगल के दूसरे हिस्से में शिफ्ट किया जाए, जिससे आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
यह कोई पहली घटना नहीं है। चंद्रपुर जिला पहले से ही बाघों की संख्या के कारण जाना जाता है, लेकिन अब इनकी बढ़ती दहशत ग्रामीणों के लिए जानलेवा बन रही है।