न्यायालय में नागरिकों का पक्ष रखने के लिए सांसद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
महाराष्ट्र में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के आरोप में हजारों लोगों को अपने घर खाली करने के नोटिस मिले हैं, जिससे वे बेघर होने की कगार पर हैं। इस गंभीर मुद्दे पर चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को पत्र लिखकर मांग की है कि सरकार नागरिकों का पक्ष न्यायालय में मजबूती से रखे और उन्हें स्थायी पट्टे प्रदान किए जाएं।
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30-40 सालों से बसे लोगों को बेघर करना अन्याय
सांसद धानोरकर ने अपने पत्र में कहा कि पिछले 30-40 वर्षों से लोग इन सरकारी जमीनों पर रह रहे हैं, उन्होंने अपने जीवनभर की पूंजी लगाकर घर बनाए हैं। अब, प्रशासन द्वारा उन्हें केवल 7 दिनों के भीतर मकान खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है, जिससे हजारों परिवार सड़क पर आ सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि इन जमीनों पर सरकार की कोई विकास योजना प्रस्तावित नहीं है, तो यहां रहने वाले अतिक्रमणकर्ताओं को स्थायी पट्टे देकर नियमित किया जाना चाहिए। इससे नागरिकों को राहत मिलेगी और उन्हें आवास सुरक्षा का अधिकार मिलेगा।
सरकार को न्यायालय में नागरिकों का पक्ष रखना चाहिए
सांसद धानोरकर ने मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री को लिखे पत्र में जोर दिया कि राज्य सरकार को न्यायालय में नागरिकों की ओर से पक्ष रखना चाहिए ताकि उनका जबरन निष्कासन रोका जा सके। उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को बिना किसी पुनर्वास योजना के बेघर करना अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
नागरिकों की मांग और सांसद का समर्थन
शहर और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हजारों प्रभावित परिवारों ने सांसद धानोरकर से मुलाकात कर अपने घरों को बचाने की गुहार लगाई। उनकी अपील पर सांसद ने तुरंत सरकार को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर उचित समाधान की मांग की।
अगर सरकार समय रहते हस्तक्षेप नहीं करती, तो हजारों लोग बेघर हो जाएंगे, जिससे सामाजिक असंतोष और परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए, सांसद धानोरकर ने सरकार से इन नागरिकों को स्थायी पट्टे देकर उनके घरों को नियमित करने की अपील की है।
अब देखना यह होगा कि महाराष्ट्र सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या प्रभावित नागरिकों को उनके घर बचाने में मदद मिलेगी।