जिला निर्वाचन अधिकारी विनय गौड़ा ने पत्रकार वार्ता में दी जानकारी
चंद्रपुर जिले के राजुरा विधानसभा क्षेत्र के छह मतदान केंद्रों की गिनती को लेकर दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार ने पुनर्मतगणना की मांग की है और इसके लिए निर्धारित शुल्क का भुगतान भी किया है। इससे ईवीएम और वीवीपैट स्लिप्स की गिनती कैसे होगी, इसे लेकर नागरिकों में भ्रम की स्थिति बन गई है। हालांकि, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर विनय गौड़ा ने स्पष्ट किया कि EVM और VVPAT स्लिप्स की गिनती नहीं की जाएगी, बल्कि केवल मशीनों की जांच की जाएगी।
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नियमों के तहत होगी मशीन की जांच प्रक्रिया
विनय गौड़ा ने बताया कि मतों की पुनर्गणना की कोई वैधानिक व्यवस्था नहीं है। यह केवल अदालत के आदेश के आधार पर संभव है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, जब किसी केंद्र पर दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार द्वारा निर्धारित शुल्क के साथ पुनः जांच की मांग की जाती है, तो उस केंद्र की ईवीएम मशीन और वीवीपैट का सत्यापन किया जाता है। इस प्रक्रिया में बर्न मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर की भी जांच की जाती है।
जांच के दौरान, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के इंजीनियर मशीनों के सही कामकाज का परीक्षण करेंगे। इस प्रक्रिया के तहत ‘मॉक पोल’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
VVPAT स्लिप्स की व्यापक गिनती नहीं होगी
मॉक पोल के दौरान केवल एक व्यक्ति ईवीएम का बटन दबाकर वीवीपैट और ईवीएम का सत्यापन कर सकता है। इस प्रक्रिया में वह अधिकतम 1,400 बार ऐसा कर सकता है। इस दौरान वीवीपैट मशीन में निकलने वाली स्लिप्स का सत्यापन किया जाएगा। हालांकि, सभी वोटों या सभी वीवीपैट स्लिप्स की गिनती की कोई व्यवस्था नहीं है।