प्रत्येक ट्रक से वसूले जा रहे लाखों रुपयों से नेताओं के जेब गर्म
एक ओर नई सरकार के गठन की प्रक्रिया जारी है। गृह मंत्रालय को लेकर महायुती में पेच बना हुआ है। शिवसेना अपने लिए गृह मंत्रालय की मांग कर रही है। मुंबई-दिल्ली में जारी राजनीतिक हलचलों के बिच चंद्रपुर जिले के घुग्घुस, वणी समेत कुछ इलाकों में परिवहन करने वाले ट्रकों को ‘शिवसेना प्रणित’ ट्रक चालक-मालक ट्रांसपोर्ट यूनियन के नाम पर धन वसूला जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इस यूनियन का पंजीयन धन वसूली की रसिदों पर कहीं नजर नहीं आता। और तो और इस संगठन के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष आदि किसी का भी उल्लेख रसिदों में उपलब्ध नहीं है। इससे यह आभास मिलता है कि संस्था पंजीयन कार्यालय के माध्यम से इन रसिदों को प्रकाशित करने व धन प्राप्त करने की अनुमति नहीं ली गई है। अत: यह धन वसूली अवैध प्रतीत होती है। यह एक प्रकार से राजनीतिक दल के नाम पर रंगदारी टैक्स होने की आशंका है। यदि यह वसूली अवैध है तो प्रत्येक ट्रक से वसूले जा रहे लाखों रुपये कौन-कौनसे नेताओं के जेब में जा रहे है ? यह सवाल उपस्थित हो रहा है। इस मामले पर संबंधित विभागों की ओर से चुप्पी साधे बैठने के कारण इन विभागों की दक्षता और कार्यप्रणाली पर भी अनेक सवाल उठने लगे हैं।
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Western Coalfields Limited (WCL) वणी क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले विभिन्न कोयला खदानों में इन दिनों यूनियन के नाम पर बाहरी राज्यों से रोडसेल कोयला परिवाहन के लिए आ रहे ट्रकों से प्रतिदिन खुलेआम एक राजकीय दल का उपयोग कर धन वसूली करने का कारनामा किया जा रहा है। अब इससे संबंधित रसीदें, पर्चियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
ज्ञात हो कि ‘शिवसेना प्रणीत’ नामक ट्रक चालक-मालक ट्रांसपोर्ट यूनियन, वणी नाम से वेकोलि वणी क्षेत्र के मुंगोली, पैनगंगा, नायगांव, निलजई इन कोयला खदानों में से बाहरी राज्यों में रोडसेल कोयला परिवाहन के लिए आने वाले अनेक ट्रकों से ट्रांसपोर्ट यूनियन के नाम पर खुलेआम वसूली की जा रही हैं।
विशेष बात यह है कि, वेकोलि वणी क्षेत्र के खदानों में ट्रांसपोर्ट यूनियन के नाम पर एक राजनीतिक दल के नाम से प्रति ट्रक से रोजाना 700 रुपए वसूली की जा रही हैं। उस पर्चे पर उक्त ट्रांसपोर्ट यूनियन का रजिस्ट्रेशन नंबर और स्टैम्प नहीं है। अध्यक्ष व सचिव का भी नाम दर्ज नहीं है। फिर भी खुलेआम रोजाना हजारों रुपये वसूले जा रहे है। आखिर इस संगठन के अध्यक्ष कौन हैं ? यहां से रोजाना हजारों रुपये वसूले जा रहे। यह राशि किसके झोली में जा रही है, यह समझ से परे हैं!
एक तेलंगाना के ट्रक चालक और मालक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि हम जब कभी वेकोलि की कोयला खदानों से कोयला भरकर अपने राज्यों में ले जाते हैं तो नियम अनुसार टैक्स और GST बिल के तहत परिवहन करते है। जब इन वेकोलि क्षेत्र के कोयला खदानों में शिवसेना प्रणीत नामक ट्रांसपोर्ट संगठन के पर्चियों को खर्चों में सम्मिलित कर संबंधित विभाग को भेजते हैं तो इस ट्रांसपोर्ट संगठन को दिए गए पर्चे का खर्च संबंधित रिटर्न फाइल करने पर कुछ भी हासिल नहीं होता।
संबंधित विभाग से अनुरोध है बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से संगठन के नाम पर खुलेआम वसूली करने वाले लोगों पर उचित कार्रवाई करने की मांग पीड़ित ट्रक चालक और मालको द्वारा की जा रही है।