मुनगंटीवार के विधीमंडल में उठाए मुद्दे के बाद एक्शन में पुलिस, बल्लारपुर रोड पर फर्जी OYO ब्रैंड का धंधा बेनकाब, कंपनी की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर
चंद्रपुर में फर्जी OYO ब्रांड के नाम पर धड़ल्ले से चल रहे अवैध होटलों का बड़ा खुलासा हुआ है। यह मामला तब सामने आया जब पूर्व मंत्री और बल्लारपुर से विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने हाल ही में मुंबई में मानसून अधिवेशन में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि OYO के नाम पर शहर में अवैध गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं, और यह सवाल भी खड़ा किया कि ऐसे होटलों को गृहमंत्रालय से अनुमति कैसे मिली।
इसी मुद्दे के तूल पकड़ते ही अहमदाबाद स्थित OYO होटल्स के नोडल अधिकारी मनोज पाटिल ने चंद्रपुर पुलिस को एक शिकायत सौंपी, जिसमें बताया गया कि कई होटल OYO का ब्रैंड और लोगो नकली तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस शिकायत के आधार पर शहर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 होटलों और लॉजों पर केस दर्ज किया।
जिन होटलों पर दर्ज हुए केस:
इन होटलों में प्रमुख रूप से शामिल हैं – होटल रॉयल इन, होटल ड्रीम स्टे, होटल फ्रेंड्स स्टे, लिओ स्टार होटल, होटल आरआर इन, होटल स्कायलाइन, होटल अशोका लॉजिंग, होटल I.K. रेसिडेंसी, होटल थ्री स्टार, होटल सेलिब्रिटी, होटल ग्रीन पार्क, होटल 7 डे, होटल सनराइज, रेयान होटल एंड सेलिब्रेशन, होटल फ्रेंडशिप इन।
इनमें से अधिकांश होटल बल्लारपुर बायपास और शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय (GEC) परिसर के आस-पास स्थित हैं।
OYO की शिकायत में क्या कहा गया?
OYO Hotels & Homes Pvt. Ltd. ने दावा किया है कि “OYO” एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है और उसके ब्रैंड, लोगो, डिझाइन, आर्टवर्क का अवैध इस्तेमाल करना बौद्धिक संपदा और निवेश का उल्लंघन है।
मनोज पाटील ने बताया कि गुप्त निरीक्षण में यह पाया गया कि शहर में कम से कम 15 से अधिक होटल फर्जी OYO ब्रैंड के तहत संचालन कर रहे थे, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान हुआ।
कार्रवाई और छापेमारी:
पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन, अपर अधीक्षक ईश्वर कातकडे और उपविभागीय अधिकारी सुधाकर यादव के मार्गदर्शन में शहर थाने के प्रभारी निशिकांत रामटेके के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। एफआईआर दर्ज होने के बाद मध्यरात्रि को सात से आठ होटलों पर छापा मारा गया, जहाँ कई आपत्तिजनक और संदिग्ध गतिविधियाँ भी पाई गईं।
यह मामला न सिर्फ बौद्धिक संपदा के उल्लंघन का है, बल्कि होटल इंडस्ट्री में नकली ब्रैंडिंग और उपभोक्ता को धोखा देने का भी बड़ा उदाहरण बन चुका है। एक तरफ जहां ग्राहकों को “OYO” के नाम पर भरोसा दिलाया जाता है, वहीं असल में वे किसी असंबंधित और अवैध संस्था की सेवाएं ले रहे होते हैं। यह न केवल ब्रैंड के लिए नुकसानदायक है बल्कि कानून व्यवस्था और पर्यटन उद्योग की विश्वसनीयता के लिए भी गंभीर चुनौती है।
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