मूल तालुका के बोरचांदली गांव के 42 वर्षीय किसान, शैलेश प्रभाकर कटकमवार, की सोमवार को एक दुखद दुर्घटना में मृत्यु हो गई। वह अपने मवेशियों को उमा नदी के किनारे चराने ले गए थे। जब शैलेश वहां थे, तभी उन्होंने अचानक एक बाघ को देखा। बाघ को देखकर वे भयभीत हो गए और उसे बचने के प्रयास में नदी में कूद गए। दुर्भाग्यवश, वह वापस नदी से बाहर नहीं आ सका।
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यह घटना 30 सितंबर की है, जब शैलेश प्रतिदिन की तरह अपनी भैंसों के साथ उमा नदी के बड़े पुल पर गए थे। कुछ दूरी पर भैंसें चर रही थीं, तभी शैलेश ने पास ही एक बाघ को देखा। बाघ से बचने के लिए, उन्होंने अपनी भैंस की पूंछ पकड़कर पानी में छलांग लगा दी। इस कोशिश से वे बाघ के हमले से तो बच गए, परंतु फिर भी शैलेश का पता नहीं चला। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मूल पुलिस को जानकारी दी और प्रशासन ने तुरंत खोज अभियान शुरू किया, लेकिन आवश्यक साधनों की कमी के कारण उन्हें समय पर ढूंढा नहीं जा सका।
अगले दिन, 1 अक्टूबर की सुबह 9 बजे, गांव के लोगों के सहयोग से ढिवर समुदाय की मदद से जाल डालकर पुनः खोज शुरू की गई। इस प्रयास में शैलेश का मृत शरीर नदी से बरामद किया गया। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए उपजिला अस्पताल भेजा गया, और पोस्टमार्टम के बाद दोपहर 1 बजे उसे गांववालों के सुपुर्द कर दिया गया। मूल पुलिस ने इस घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।