विदर्भ के औद्योगिक नगरी चंद्रपूर ने मंगलवार को फिर से देश का सर्वाधिक तापमान (45.8 °C) दर्ज किया, जिससे शहर में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यह तापमान पिछले पांच वर्षों में दूसरा सबसे खतरनाक स्तर है, जबकि वर्ष 2019 में यहां 47.2°C रिकॉर्ड किया गया था। मौसम विभाग ने 21 से 24 अप्रैल तक येलो अलर्ट जारी कर नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है।
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गर्मी का ग्राफ: कैसे बढ़ा पारा?
– 19 अप्रैल 2024: 43.8°C
– 21 अप्रैल 2025: 45.6°C (आज)
– 2019 का रिकॉर्ड: 47.2°C (लोकसभा चुनाव के दौरान)
शहर में मृतवत सन्नाटा
दोपहर 12 बजे से शाम 5:30 बजे तक सड़कें वीरान रहीं, जैसे “संचारबंदी” लगी हो। अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के मरीज बढ़े, जबकि बिजली कटौती ने हालात और बिगाड़ दिए। ब्रह्मपुरी इलाके में भी पारा 45°C पार पहुंचा।
क्यों हो रहा है इतना ताप?
– औद्योगिक गतिविधियां: एशिया के सबसे बड़े पावर प्लांट्स वाले इस शहर में प्रदूषण और गर्मी का सिंर्जिकल प्रभाव।
– अप्रैल-मई का क्रूर चक्र: हर साल इन महीनों में तापमान 45°C पार करता है।
अधिकारियों की चेतावनी
जिलाधिकारी विनय गौडा ने नागरिकों से घरों में रहने, पानी खूब पीने और सीधी धूप से बचने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे और भीषण होंगे।
विडंबना: चुनावी गर्मी vs मौसमी गर्मी
2019 में जब चंद्रपूर ने 47.2°C की रिकॉर्ड तपिश झेली थी, तब लोकसभा चुनावों का माहौल था। आज जिले के भाजपा मे राजनीतिक गर्म हवा में।
अलर्ट!
अगले तीन दिनों में तापमान और बढ़ सकता है। नागरिक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक बाहर निकलने से बचें।