गुप्त सूचना पर लोकल क्राइम ब्रांच और घुग्घुस पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, 72 मवेशियों की बड़ी बरामदगी
शुक्रवार की देर रात करीब 2 बजे गुप्त सूचना के आधार पर चंद्रपुर लोकल क्राइम ब्रांच और घुग्घुस पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। नागपुर से तेलंगाना की ओर जा रहे मवेशियों से भरे छह ट्रकों को घुग्घुस समीप धानोरा फाटे पर जाल बिछाकर रोका गया और उन पर कार्रवाई की गई।
ऑपरेशन की टाइमलाइन:
👉 गुप्त सूचना मिली कि नागपुर से तेलंगाना की ओर मवेशियों की अवैध ढुलाई की जा रही है।
👉 सूचना पर अमल करते हुए चंद्रपुर लोकल क्राइम ब्रांच और घुग्घुस पुलिस ने संयुक्त जाल बिछाया।
👉 शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात 2 बजे धानोरा फाटे पर 6 ट्रकों को रोका गया।
👉 इन ट्रकों से कुल 72 मवेशियों की बरामदगी हुई।
मवेशियों को कहा भेजा गया?
बरामद मवेशियों को ‘प्यार फाउंडेशन’, चंद्रपुर में सुरक्षित रखा गया है। वहीं ट्रकों को घुग्घुस पुलिस स्टेशन में जमा किया गया है। पुलिस अब दस्तावेजों की जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश में जुटी है कि ये मवेशी वैध व्यापार के तहत ले जाए जा रहे थे या अवैध कत्लखाने में।
क्या पहले भी हुई थी ऐसी घटना?
रिपोर्ट बताती है कि इससे पहले भी घुग्घुस पुलिस ने एक ट्रक मवेशियों के साथ पकड़ा था, लेकिन उस चालक के पास वैध दस्तावेज थे और मवेशियों को अलग-अलग खानों में रखा गया था। इस कारण पुलिस को ट्रक को छोड़ना पड़ा था।
इसी तरह बीती रात जब्त किए गए ट्रकों में भी मवेशियों के लिए अलग-अलग खानों की व्यवस्था थी, जिससे मामला और उलझ गया है। अब जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि ये मवेशी कहां और क्यों ले जाए जा रहे थे।
प्रश्न जो अब उठ रहे हैं:
क्या मवेशियों को कत्लखाने में बेचा जाना था?
क्या ट्रक ड्राइवरों के पास कोई वैध दस्तावेज मौजूद थे?
क्या यह कोई संगठित अंतरराज्यीय गिरोह है?
क्या स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत है?
लोकल क्राइम ब्रांच की भूमिका:
लोकल क्राइम ब्रांच ने इस कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज़ कर दी है। सभी ट्रक ड्राइवरों से पूछताछ जारी है और मवेशियों के मालिकाना हक के दस्तावेजों की छानबीन हो रही है।
यह मामला केवल मवेशियों की तस्करी का नहीं, बल्कि अंतरराज्यीय अवैध गतिविधियों का बड़ा संकेत हो सकता है। ट्रकों में व्यवस्थित खानों की मौजूदगी और दस्तावेजों की अस्पष्टता मामले को और गंभीर बनाती है। पुलिस की जांच अब यह तय करेगी कि क्या यह केवल व्यापार था या किसी बड़े अवैध नेटवर्क की कड़ी।
