गडचांदूर नगरपालिका चुनाव में फर्जी मतदान, EVM गड़बड़ी और पैसे वितरण के वीडियो से मचा हड़कंप; चुनाव प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवाल
गडचांदूर नगरपालिका चुनाव से एक और बड़ा विवाद सामने आया है, जिसने स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। मतदान के दिन फर्जी वोटिंग (Bogus Voting) का मामला उजागर हुआ है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला?
मतदाता भीमराव गोविंदा डोंगरे और उनकी पत्नी गंगासागर डोंगरे मतदान करने के लिए अपने निर्धारित मतदान केंद्र पर पहुंचे।
लेकिन जब उन्होंने मतदान करने की प्रक्रिया शुरू की, तो उन्हें बताया गया कि—
“आपका वोट पहले ही डाला जा चुका है!”
इस पर मतदाता हैरान रह गए। उनके साथ हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र में खलबली मचा दी है।
वायरल वीडियो से उठे सवाल
वोट डालने आए मतदाता का गुस्सा और शिकायत कैमरे में रिकॉर्ड होने से मामला और गंभीर हो गया।
वीडियो में मतदाता यह आरोप लगाता दिखाई देता है कि उसके और उसकी पत्नी के नाम से पहले ही किसी ने मतदान कर दिया।
यह घटना मतदान केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था और पहचान सत्यापन प्रक्रिया पर गहरा सवाल उठाती है।
गडचांदूर चुनाव में पहले भी विवाद
यह पहली बार नहीं है कि गडचांदूर नगरपालिका चुनाव में गड़बड़ी सामने आई है। पिछले 24 घंटों में कई विवाद:
🔸 1. पैसे वाटप (Cash Distribution) का वीडियो वायरल
चुनाव के दौरान मतदाताओं में पैसे बांटे जाने का कथित वीडियो सामने आया था, जिस पर विपक्ष ने चुनाव आयोग से शिकायत की।
🔸 2. EVM मशीन की गड़बड़ी
मतदाताओं का दावा था कि
“कोई भी बटन दबाओ, प्रकाश कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) पर ही जलता था।”
इस आरोप के बाद एक युवक ने गुस्से में EVM मशीन तोड़ दी।
यह वीडियो भी जोरदार तरीके से वायरल हुआ था।
चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल
लगातार सामने आ रही घटनाओं ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता व निष्पक्षता को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
फर्जी मतदान, EVM गड़बड़ी और पैसे वितरण—यह तीनों मामले एक ही नगर परिषद चुनाव से जुड़े होने के कारण राजनीतिक माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया है।
स्थानीय नागरिकों और विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रशासन लापरवाह है और चुनाव आयोग को सख्त कदम उठाने चाहिए।
