6 साल से अधूरी सड़क बनी मौत का रास्ता: दक्षिण गढ़चिरोली में कीचड़ से तबाह नेशनल हाईवे 353C, हर दिन घंटों ठप ट्रैफिक, मरीजों की मौत, बच्चों की पढ़ाई बाधित
बारिश में तबाही, शासन में सुस्ती: गढ़चिरोली से सिरोंचा तक की सड़क बनी दलदल, लोग बोले – नेता वादे करते हैं, काम कोई नहीं करता
दक्षिण गढ़चिरोली में बीते एक सप्ताह से जारी भारी बारिश ने क्षेत्र की जीवनरेखा कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 353C (आलापल्ली से सिरोंचा) को पूरी तरह कीचड़ में तब्दील कर दिया है। इस कारण वाहन चालकों को तो छोड़िए, पैदल चलना भी दूभर हो गया है। हर दिन घंटों तक ट्रैफिक ठप रहता है, तो दूसरी ओर गंभीर मरीज समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण दम तोड़ रहे हैं।
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इस मार्ग के निर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तब की थी, जब उन्होंने पहली बार गढ़चिरोली के पालकमंत्री का पद संभाला था। उन्होंने तत्काल काम शुरू करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस हैं, जिससे आम जनता में भारी रोष है।
छह साल से “विकास” फंसा कीचड़ में
पिछले छह वर्षों से यह महत्वपूर्ण मार्ग कभी बारिश, कभी ठेकेदारों की लापरवाही, तो कभी सरकारी कागजी कार्यवाही में उलझा रहा। आलापल्ली से सिरोंचा तक का यह राष्ट्रीय मार्ग छत्तीसगढ़ और तेलंगाना को जोड़ता है। मगर आज यह खड्डों, दलदल और अव्यवस्था का प्रतीक बन गया है।
बच्चों की पढ़ाई और मरीजों का जीवन संकट में
बारिश के दिनों में यहां न केवल स्कूल जाने वाले बच्चों को समय पर पहुंचना मुश्किल हो गया है, बल्कि जीवन-मरण की लड़ाई लड़ रहे मरीजों की जान भी इस सड़क के कारण जा रही है। पिछले छह वर्षों में इस मार्ग पर हुए दुर्घटनाओं में पचास से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रशासन के पास जवाब नहीं, जनता के पास धैर्य नहीं
यह सवाल उठता है कि जब राज्य में बड़ी कंपनियां करोड़ों रुपये का निवेश कर रही हैं, जब ‘स्टील सिटी’ का सपना दिखाया जा रहा है, तब एक सड़क का निर्माण समय पर क्यों नहीं हो पा रहा? प्रशासन इस सवाल का कोई स्पष्ट उत्तर देने में असमर्थ है।
नेताओं पर जनता का फूटा गुस्सा
पूर्व पालकमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यकाल से ही यह प्रोजेक्ट अटका पड़ा है। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा जिले का पालकत्व संभाला, लेकिन वे अब तक जिले का दौरा करने तक नहीं आए। कांग्रेस ने उन पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि फडणवीस के पास गढ़चिरोली के लिए समय नहीं है, सिर्फ घोषणाएं हैं।
गढ़चिरोली के लोग अब केवल विकास के वादे नहीं, उनकी जमीन पर उतरी सच्चाई देखना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि कीचड़ में सना यह मार्ग जल्द से जल्द पक्की सड़क में बदले, ताकि जनजीवन सामान्य हो सके और ‘विकास’ का दावा सिर्फ चुनावी जुमला न लगे।