आज से पूरे जिले में हर्ष और उल्लास के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है। घुग्घुस थाना क्षेत्र के 14 गाँवों में से 13 गाँवों में बप्पा विराजमान होंगे। चांदूर गाँव अब वीरान होने के कारण वहाँ गणेश स्थापना नहीं होगी।
जिले में आज से हर्ष और उल्लास के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव का आगाज़ हो रहा है। हर साल की तरह इस बार भी ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक गणेश भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है।
औद्योगिक नगरी घुग्घुस का परिदृश्य
घुग्घुस पुलिस थाने के अंतर्गत कुल 14 गाँव आते हैं। इनमें से एक गाँव चांदूर अब पूरी तरह से वीरान हो चुका है और वहाँ कोई भी स्थायी निवासी नहीं है। बाकी के 13 गाँवों में गणेशोत्सव की तैयारियाँ जोरों पर हैं।
“एक गाँव – एक गणपति” परंपरा
इन 13 गाँवों में से 5 गाँव – पांढरकवडा, वढा, म्हाकुरला, अंतुरला और सोनेगाव – में वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार “एक गाँव – एक गणपति” की परंपरा निभाई जाती है। यानी पूरे गाँव में मिलकर एक ही सार्वजनिक गणेश मंडल की स्थापना की जाती है।
गणेश मंडलों की संख्या
ग्रामीण क्षेत्र में कुल 25 सार्वजनिक गणेश मंडल बप्पा की स्थापना करेंगे। वहीं शहरी क्षेत्र में लगभग 24 मंडलों में गणेश प्रतिमाएँ विराजेंगी।
इन मंडलों में आकर्षक सजावट, थीम आधारित पंडाल और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है।
प्रशासन की अपील
स्थानीय पुलिस थानेदार प्रकाश राउत ने सभी मंडलों से अपील की है कि गणेशोत्सव को शांति और सौहार्द के साथ मनाएँ।
“उत्सव का मूल संदेश भाईचारा और एकता है, इसे ध्यान में रखकर ही आयोजन करें।” – प्रकाश राउत
