GBS Outbreak in Chandrapur: चंद्रपुर जिले में दुर्लभ तंत्रिका तंत्र विकार गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप फैल रहा है। जिले में इस बीमारी का दूसरा मामला सामने आया है। भद्रावती तालुका के सागरा गांव के एक सात वर्षीय बच्चे में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। फिलहाल, उसे नागपुर के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, जिले में 12 वर्षीय एक बच्ची इस बीमारी से संक्रमित हुई थी, लेकिन वह अब स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुकी है।
Whatsapp Channel |
कैसे हुआ संक्रमण का पता?
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अशोक कटारे ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सागरा गांव के इस बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। लक्षणों के आधार पर जांच करने पर पता चला कि वह गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से पीड़ित है।
गांव में व्यापक सर्वेक्षण किया गया
इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सागरा गांव में 287 घरों का सर्वेक्षण किया। इस दौरान 15 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पोलियो और अन्य संभावित संक्रमणों की भी जांच की, ताकि संक्रमण के कारणों का पता लगाया जा सके।
पहला मामला पोंभूर्णा तालुका में मिला था
चंद्रपुर जिले में जीबीएस का पहला मामला पोंभूर्णा तालुका के ठाणेवासना गांव में पाया गया था। वहां 12 वर्षीय एक बच्ची संक्रमित हुई थी, लेकिन उपचार के बाद उसे स्वस्थ घोषित कर दिया गया।
जीबीएस क्या है?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर तंत्रिका तंत्र की बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिकाओं पर हमला करने लगती है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नपन और कभी-कभी पक्षाघात (Paralysis) हो सकता है। सही समय पर उपचार न मिलने पर यह घातक भी साबित हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
डॉ. कटारे ने लोगों से अपील की कि अगर किसी बच्चे में मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नपन, चलने में परेशानी या किसी अन्य असामान्य लक्षण दिखे, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। जीबीएस के मामले बढ़ने की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।