गत 15 सितंबर की रात को घुग्घुस-चंद्रपुर मार्ग पर पांढरकवडा स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की एटीएम मशीन को गैस कटर से काटकर ₹10,92,800 की सनसनीखेज चोरी को अंजाम देने वाले एक शातिर अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करने में स्थानीय अपराध शाखा (LCB) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। LCB ने 13 दिनों तक दिन-रात एक कर, लगभग 1000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने और तकनीकी खुफिया जानकारी के आधार पर गिरोह के एक महत्वपूर्ण सदस्य को तेलंगाना से धर दबोचा है। वहीं, मामले में शामिल हरियाणा और राजस्थान के तीन अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
घटना 15 सितंबर की है, जब अज्ञात चोरों ने घुग्घुस-चंद्रपुर मार्ग पर लगे बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एटीएम को अपना निशाना बनाया था। चोरों ने बेहद शातिराना अंदाज में गैस कटर का इस्तेमाल कर एटीएम मशीन के कैश वॉल्ट को काट दिया और उसमें रखे 10 लाख 92 हजार 800 रुपए लेकर फरार हो गए। सुबह जब घटना का पता चला तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
एसपी के आदेश पर LCB ने संभाला मोर्चा
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्री मुम्मका सुदर्शन ने तत्काल स्थानीय अपराध शाखा को जांच के आदेश दिए। उन्होंने LCB के पुलिस निरीक्षक (पीआई) श्री अमोल काचोरे को एक विशेष टीम गठित कर अपराधियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाने का निर्देश दिया।
13 दिन चली मैराथन जांच
एसपी के मार्गदर्शन और अपर पुलिस अधीक्षक ईश्वर कातकडे की निगरानी में पीआई अमोल काचोरे के नेतृत्व में एक बड़ी टीम का गठन किया गया। टीम ने घटनास्थल से लेकर कई किलोमीटर के दायरे में लगे करीब 900 से 1000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया। लगातार 13 दिनों की अथक मेहनत और तकनीकी सहायता के बल पर पुलिस को एक अहम सुराग मिला, जो उन्हें तेलंगाना के मंचेरियाल जिले तक ले गया।
तेलंगाना से हुई गिरफ्तारी
पुलिस टीम ने पूरी योजना के साथ तेलंगाना के मंचेरियाल जिले के चिन्नुर में दबिश दी और आरोपी जिल्ली सिरदार खान (52) को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी दी है। गिरफ्तार आरोपी को आगे की जांच के लिए घुग्घुस पुलिस को सौंप दिया गया है।
तीन राज्यों से जुड़े हैं गिरोह के तार
यह एक अंतरराज्यीय गिरोह है, जिसके सदस्य हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना से हैं। मामले में तीन अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी पहचान:
- साजिद खान राजुद्दीन (निवासी – भाकडोंजी, जिला – नूंह, हरियाणा)
- शैकुल उन्नस खान (निवासी – पहाडी, जिला – डिंग, राजस्थान)
- काला (निवासी – गुमटकी, जिला – नूंह, हरियाणा)
पुलिस इन तीनों की तलाश में संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर छापेमारी कर रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आरोपी छह दिन की पुलिस हिरासत में
गिरफ्तार आरोपी जिल्ली सिरदार खान को रविवार जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उसे पूछताछ के लिए छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि हिरासत के दौरान गिरोह द्वारा की गई अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सकता है।
इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में पीआई अमोल काचोरे के साथ दीपक कांक्रेडवार, बलराम झाडोकार, विनोद भूरले, सुनिल गौरकार, सुभाष गोहोकार, सतीश अवथरे, रजनिकांत पुठ्ठावार, दिपक डोंगरे, इम्रान खान, किशोर वाकाटे, हिरालाला गुप्ता, शशांक बादमवार, मिलींद जांभूले और रूषभ बारसिंगे आदि शामिल रहे।
