समूचे महाराष्ट्र में नगर पालिका–नगर पंचायत चुनावों को लेकर एक नया पेच निर्माण हुआ है। घुग्घुस में नगराध्यक्ष पद के चुनाव के लिए यहां की प्रत्याशी शोभा ठाकरे कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण शिवसेना (UBT) से चुनावी नामांकन भरा था। पश्चात 17 को नामांकन दाखिल करने के बाद 18 को छननी प्रक्रिया के दौरान पता चला कि नयना ढोके ने भी शिवसेना (UBT) से पर्चा भरा था। इस समय शोभा ठाकरे का नामांकन रद्द इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने नयना ढोके के बाद नामांकन भरा। इसके चलते शोभा ठाकरे ने न्यायालय में अपील दायर कर न्याय की गुहार लगाई। यह मामला न्यायप्रविष्ट है। इस बीच राज्य चुनाव आयोग के आदेश पत्र जारी कर जिन नप में नगराध्यक्ष पद की अपील लंबित हैं, वहां के चुनाव स्थगित करने का आदेश 29 नवंबर को जारी किया। इसके बाद से घुग्घुस के समूचे चुनावी प्रक्रिया की रफ्तार थम गई है। और इधर, बीते अनेक दिनों से चुनाव प्रचार, गृह भेंट और जनता से संपर्क करने वाले तमाम उम्मीदवारों की आशाओं पर पानी फिर गया है। अधिकांश उम्मीदवारों ने अपनी धनराशि खर्च कर प्रचार सामग्री, बैनर, पोस्टर्स आदि लगवाए थे, उनमें निराशा देखी जा रही है।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में 246 नगर पालिकाओं और 42 नगर पंचायतों के लिए राज्य चुनाव आयोग ने 4 नवंबर को चुनाव कार्यक्रम घोषित किया था। प्रचार तेज़ी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए एक पत्र ने अचानक राजनीतिक गलियारों में भ्रम बढ़ा दिया है। कारण – कुछ नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में दाखिल की गई न्यायालयीन अपीलें और उनके विलंबित निर्णय।
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्रों की जांच के बाद उम्मीदवारों को निर्णय के खिलाफ जिला न्यायालय में अपील करने का अधिकार है। घुग्घुस में यह प्रक्रिया तय समय में पूरी नहीं हो पाई, जिसके चलते नगरसेवक पद के 3 एवं नगराध्यक्ष पद के एक उम्मीदवार ने न्यायालय में याचिकाएँ दाखिल कीं थी। अपीलों का निपटारा 22 नवंबर तक होना आवश्यक था। इसके बाद उम्मीदवारों को 3 दिन नामांकन वापस लेने का समय मिलना चाहिए था। 26 नवंबर को चुनाव चिन्ह वितरण होना चाहिए था। लेकिन कई जगह अपील लंबित रहने के बावजूद अधिकारियों ने उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने का समय दिए बिना चिन्ह बाँट दिए, जिससे पूरी प्रक्रिया नियमविरुद्ध मानी गई।
चूंकि कुछ मामलों में अंतिम आदेश 23 नवंबर या उसके बाद आए, और कुछ मामले अब भी न्यायप्रविष्ट हैं। इसलिए आयोग ने स्पष्ट किया है कि उन वार्डों में अब चुनाव नहीं होंगे, जिनकी अपीलों का निपटारा 23 नवंबर के बाद हुआ। यदि अपील में अध्यक्ष पद शामिल था, तो पूरी नगर पालिका/नगर पंचायत की चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई है। जहाँ-जहाँ चुनाव स्थगित हुए हैं, वहाँ के जिलाधिकारियों से तुरंत जानकारी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। घुग्घुस को लेकर यह निर्देश आज दोपहर तक जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
