मंगलवार की रात घुग्घूस बस स्थानक परिसर में एक मामूली कहासुनी ने हिंसक मोड़ ले लिया, जब फल व्यवसायी मोहम्मद तवरेज ने अपने प्रतिद्वंदी इर्शाद राईन पर नारियल काटने के सत्तुर से जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में इर्शाद के सिर पर गंभीर चोट आई है और उसकी हालत फिलहाल नाजुक बताई जा रही है।
घटना मंगलवार रात लगभग 9:30 बजे की है, जब तवरेज और इर्शाद – जो दोनों ही वर्षों से बस स्थानक परिसर में फल बेच रहे थे – आपसी विवाद में उलझ गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इर्शाद ने कई बार तवरेज को मना किया था कि वह अपने फल दुकान के बगल की काली जगह में कचरा न फेंके। रोज की तरह जब तवरेज फिर से वही हरकत करने लगा तो इर्शाद ने आपत्ति जताई। कहासुनी के दौरान तवरेज अपना आपा खो बैठा और अपनी दुकान से नारियल काटने वाला तेजधार सत्तुर निकाल लाया और इर्शाद के सिर पर सीधा वार कर दिया।
इस अप्रत्याशित हमले से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और दोनों पक्षों के समर्थकों का जमावड़ा लग गया। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इर्शाद की हालत गंभीर बताई।
घुग्घूस पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी तवरेज को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (जान से मारने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जख्मी इर्शाद को प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल में रेफर किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, हमले में इस्तेमाल किया गया हथियार भी बरामद कर लिया गया है। मामले की जांच एपीआई प्रफुल्ल डवले के नेतृत्व में की जा रही है, जो पूरे घटनाक्रम की छानबीन कर रहे हैं और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिशें भी कर रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि कैसे छोटे-छोटे विवाद भी अगर समय पर न सुलझाए जाएं, तो वे जानलेवा रूप ले सकते हैं। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा, असहमति और गुस्से का फौरन विस्फोट — यह सभी ऐसे तत्व हैं जो समाज में अपराध की जड़ें मजबूत करते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय रही, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी और विवाद निपटान की प्रभावशाली व्यवस्था की सख्त ज़रूरत है।
