कांग्रेस नेता लखन हिकरे ने थामा BJP का दामन; नगराध्यक्ष पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने से उम्मीदवारों का गणित बिगड़ा
घुग्घुस नगर परिषद के चुनाव के लिए नगराध्यक्ष (Nagaradhyaksh) पद का अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होना और 11 प्रभागों (वार्डों) के 22 उम्मीदवारों के लिए आरक्षण घोषित होना, शहर की स्थानीय राजनीति में भूचाल ले आया है। इस आरक्षण ने लंबे समय से विभिन्न पदों के इच्छुक उम्मीदवारों के बरसों पुराने राजनीतिक गणित को बिगाड़ दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अब तेजी से ‘इनकमिंग’ और ‘आउटगोइंग’ (दल-बदल) का दौर शुरू हो गया है।
नगराध्यक्ष या नगरसेवक पद के लिए जो उम्मीदवार दशकों से एक ही पार्टी से जुड़े थे, वे अब अपनी उम्मीदवारी सुनिश्चित करने के लिए दल बदलने पर विचार कर रहे हैं। कांग्रेस के एक नेता से शुरू हुआ यह दल-बदल आने वाले दिनों में और भी कई पार्टियों को प्रभावित कर सकता है।
कांग्रेस को बड़ा झटका: लखन हिकरे ने किया BJP में प्रवेश
इस दल-बदल के दौर का सबसे बड़ा उदाहरण कांग्रेस पार्टी से सामने आया है। भारतीय कोयला मजदूर संघ (Bhartiya Kolasa Mazdoor Sangh), वेकोली वणी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता लखन मारोती हिकरे, ने अपने सहयोगी सूरज हिकरे के साथ मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में प्रवेश कर लिया।
यह प्रवेश विधायक किशोर जोरगेवार के ‘राजमाता निवासस्थान’ पर उनकी उपस्थिति में संपन्न हुआ। विधायक जोरगेवार ने उन्हें पार्टी का दुपट्टा पहनाकर औपचारिक रूप से उनका स्वागत किया।
प्रवेश समारोह में उपस्थिति
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष सुभाष कासनगोट्टूवार, घुग्घुस शहर अध्यक्ष संजय तिवारी, विधानसभा अध्यक्ष दशरथ सिंह ठाकूर, बलराम डोडाणी, महामंत्री रवी गुरनुले, घुग्घुस शहर उपाध्यक्ष अनिल बाम, युवा मोर्चा अध्यक्ष संतोष नुने और महामंत्री साजन गोने समेत कई प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
विकास और राष्ट्रहित पर विश्वास
प्रवेश के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायक किशोर जोरगेवार ने कहा कि लखन हिकरे और सूरज हिकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सशक्त नेतृत्व पर विश्वास व्यक्त करते हुए भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों नेता पार्टी की जन-विकास और राष्ट्रहित की विचारधारा पर चलते हुए जनहित के लिए कार्य करेंगे।
वहीं, भाजपा में शामिल होने के बाद लखन हिकरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विकास और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने वाली संस्था है। उन्होंने संकल्प लिया कि वह इस विचारधारा में शामिल होकर क्षेत्र के विकास के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे।
आगामी समय की चुनौती
इस दल-बदल के पीछे उम्मीदवारों की मंशा साफ है—आरक्षण के कारण बिगड़े समीकरणों में अपनी जगह बनाना। यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस उम्मीदवारी या पद की मंशा से इन नेताओं ने अपनी पुरानी पार्टी का साथ छोड़ा है, वह पूरी होती है या नहीं। घुग्घुस की राजनीति में यह ‘इनकमिंग-आउटगोइंग’ का दौर आने वाले समय में चुनावी नतीजों को किस तरह प्रभावित करता है, यह देखने लायक होगा।
