चंद्रपुर जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घुस में लगभग पांच साल के लंबे इंतजार के बाद नगरपरिषद चुनाव की बिगुल बज चुका है। लेकिन चुनाव की तारीखों से पहले आए आरक्षण के फैसले ने शहर की पूरी राजनीतिक बिसात ही पलट दी है। पहले नगराध्यक्ष पद का अनुसूचित जाति (SC) महिला के लिए आरक्षित होना और फिर बुधवार को 11 प्रभागों के 22 सदस्य पदों के लिए आरक्षण की घोषणा, इन दो बड़े झटकों ने कई दिग्गज नेताओं के वर्षों से पाले हुए सपनों को चकनाचूर कर दिया है। वहीं नए चेहरों के लिए अवसर के द्वार भी खोल दिए हैं। आरक्षण के इस नए समीकरण ने शहर के प्रमुख राजनीतिक दलों, कांग्रेस और भाजपा, के भीतर पहले से ही उबल रही गुटबाजी को चरम पर पहुंचा दिया है।
कांग्रेस और भाजपा में गुटबाजी चरम पर
कांग्रेस: पार्टी तीन प्रमुख गुटों में बंटी हुई है – एक राजुरेड्डी का, दूसरा रोशन पचारे का और तीसरा जावेद सिद्दीकी का। अब अपने-अपने गुट के समर्थकों को “सेफ” सीटों पर उम्मीदवार बनवाने के लिए इन नेताओं के बीच खींचतान तेज हो गई है।
भाजपा: यहाँ भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। विधायक सुधीर भाऊ सेवा केंद्र, सुधीर मुंगटीवार विचार मंच और कर्तव्य केंद्र के नाम पर पार्टी तीन धड़ों में काम कर रही है। जिले की राजनीति में पूर्व मंत्री सुधीर मुंगटीवार और विधायक किशोर जोरगेवार के बीच की राजनीतिक खींचतान का असर सीधे तौर पर घुग्घुस के उम्मीदवारों पर पड़ रहा है।
प्रथम नगराध्यक्ष पद की दौड़ से बड़े चेहरे बाहर
सबसे बड़ा झटका उन वरिष्ठ नेताओं को लगा है जो नगरपरिषद के प्रथम नगराध्यक्ष बनने का सपना संजोए बैठे थे। जैसे ही यह पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित घोषित हुआ, सामान्य और ओबीसी वर्ग के कई इच्छुक दावेदारों में मायूसी छा गई। अब सभी दलों के सामने अपने-अपने खेमे से एक मजबूत और जिताऊ SC महिला उम्मीदवार खोजने की चुनौती खड़ी हो गई है, जिससे पार्टियों की आंतरिक रणनीति पूरी तरह बदल गई है।
प्रभागों के आरक्षण ने बिगाड़ा दिग्गजों का खेल
बुधवार को घोषित हुए प्रभागवार आरक्षण ने कई स्थापित नेताओं को असुरक्षित कर दिया है। जो नेता अपने पुराने वार्ड को अपने वार्ड को अपनी जागीर समझकर चुनाव की तैयारी कर रहे थे, उनमें से कई की सीटें आरक्षित हो गई हैं। अब उनके सामने या तो किसी नए ‘सेफ’ प्रभाग की तलाश करने या फिर अपने परिवार की किसी महिला को राजनीति में उतारने की मजबूरी आ गई है।
सूत्रों के मुताबिक इछुक भावी उम्मीदवार
प्रभाग क्रमांक 1- शास्त्री नगर और शिव नगर
(अ) अनुसूचित जाति महिला
वैशाली शेखर तंगल्लापेल्ली, रेखा खैतल
(ब) सर्वसाधारण (जनरल)
रविश सिंह, मल्लेश बल्ला, श्रीकांत सावे
प्रभाग क्रमांक -2 राम नगर
(अ) अनुसूचित जाति सर्वसाधारण (जनरल)
राजकुमार गोदशलवार, सीनू इसराफ़, सूरज कन्नूर
(ब) सर्वसाधारण महिला (जनरल)
संजय बल्की की पत्नी, मिसला बक्कया की पत्नी, महेश लक्कामुला की पत्नी, सीनू इसराफ़ की पत्नी, हेमंत उरकुड़े की पत्नी, सुषमा सावे
प्रभाग क्रमांक- 3 साई नगर और बैरामबाबा नगर
(अ) ओबीसी महिला
सुचिता लुटे, निर्मला जोगी,
(ब) सर्वसाधारण (जनरल)
शिव साजन गोहने, राजुरेड्डी, जावेद सिद्दीकी, लखन हिकरे, तौफीक शेख, मोमिन शेख,
प्रभाग क्रमांक-4 केमिकल
(अ) ओबीसी (जनरल)
विवेक बोढे, सुधार बंदूरकर, प्रभाकर चिकनकर, अमोल थेरे
(ब) सर्वसाधारण (जनरल) महिला
अल्का रोशन पचारे, कुसम सातपुते, बंटी गोरपडे की मां
प्रभाग क्रमांक- 5 पांशील चौक- बाजार वार्ड- गांधी नगर
(अ) ओबीसी (जनरल)
रोशन पचारे, महेंद्रा पाउलबुधे
(ब) सर्वसाधारण महिला (जनरल)
अर्चना सरोकार, वंदना लखन हिकरे, लक्ष्मी चिन्ना नालभोगा, सन्नी खारकर की पत्नी, दिनेश बांगड़े की पत्नी
प्रभाग क्रमांक- 6 सुभाष नगर- गांधी नगर और शालिकराम नगर
(अ) अनुसूचित जाति महिला
लक्ष्मी चिन्ना नलभोग, पूजा दुर्गम,
(ब) सर्वसाधारण (जनरल)
निरीक्षण तांड्रा, संतोष नुने, संजय तिवारी सीनू गुड़ला, राजकुमार (दादू) वर्मा
प्रभाग क्रमांक-7 इंदिरा नगर और गोपाल नगर
(अ) ओबीसी (जनरल)
लक्षमण सादलवार
(ब) सर्वसाधारण महिला (जनरल)
मधु संजय तिवारी, तुलसा गजानन डाहले, श्यामकला रामपाल वर्मा
प्रभाग क्रमांक-8 बैंक ऑफ इंडिया – नयनं मंदिर, डिवर कुंभार मोहल्ला
(अ) अनुसूचित जमाती (ST) महिला
दीपक पेंदुर की पत्नी, गणेश उइके की पत्नी,
(ब) सर्वसाधारण (जनरल)
प्रकाश बोबडे, सुधाकर चिकनकर, सानू सिद्दीकी
प्रभाग क्रमांक- 9 चाँद सावली दरगाह, जे.जे ITI, पोला मैदान
(अ)अनुसूचित जाति महिला
नंदा कमड़े, लक्ष्मीबाई चंदेकर, नीला चिवंडे
(ब) जनरल
अजय जोगी, विनोद चौधरी, विक्रम गोगुला, सूरज बहुराशी, अमित बोरकर, श्याम अगदारी, राजेश (बेंद्रे) मोरपका, इरशाद कुरैशी, मुन्ना लोडे
प्रभाग क्रमांक -10 स्नेहा प्रभा हॉल , बाहदे ग्राउंड, मुकीम ईटा भट्टा
(अ) अनुसूचित जाति सर्वसाधारण (जनरल)
जनार्धन जीवने, गणेश शेंडे, हेमंत पाजारे, नागेश पताड़े, अमित बोरकर, संगीता भारत साल्वे
(ब) ओबीसी महिला
वैशाली चिकनकर, नीतू चौधरी, वैशाली डावस, विजया बंडेवार, संगीता बोबडे, अर्चना भोंगले
प्रभाग क्रमांक- 11 तिलक नगर, अमराई विहार
(अ) अनुसूचित जाति सर्वसाधारण (जनरल)
पवन अगदारी, शोभा ठाकरे
(ब) ओबीसी महिला
ओबीसी ?
पूर्व सदस्यों की बढ़ी टेंशन, नए चेहरों की होगी एंट्री
आरक्षण ने कई नए चेहरों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं, 2015 में ग्रामपंचायत सदस्य रहे नेताओं को भी अब नई आरक्षण व्यवस्था के तहत अपनी रणनीति नए सिरे से बनानी पड़ रही है।
मतदाता सूची का पेंच और बाहरी वोटों का खतरा
सबसे बड़ी चिंता का विषय बाहरी मतदाताओं का है। 2011 की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग 32,654 थी, लेकिन 2025 में इसके 31 हजार के आसपास होने का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार पिछले 10 वर्षों में कई लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं और फिर भी मतदाता सूची में उनका नाम हटाया नहीं गया, वेकोलि द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले नौकरी पाने वाले कई परिवार घुग्घुस के विभिन्न क्षेत्रों में बस गए हैं, जबकि उनका मूल मतदान क्षेत्र चंद्रपुर विधानसभा से बाहर का है। यदि इन बाहरी मतदाताओं का नाम स्थानीय सूची में जुड़ा है, तो यह किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार का फैसला कर सकते हैं और स्थानीय उम्मीदवारों के लिए खतरे की घंटी साबित होंगे। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को नगरपरिषद द्वारा नई मतदाता सूची जारी की जाएगी, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
