नगर परिषद चुनाव की आहट से गरमाई राजनीति, 11 प्रभागों में 22 सीटों पर पूर्व नेताओं संग युवा भी तैयार; टिकट न मिलने पर ‘बगावत’ के सुर!
चंद्रपुर जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घुस में आगामी कुछ महीनों में होने वाले नगर परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है। शहर के 11 प्रभागों की 22 सीटों पर उम्मीदवारी के लिए पूर्व नेताओं और अनुभवी चेहरों के साथ-साथ युवाओं ने भी अपनी कमर कस ली है। इस चुनावी माहौल में सबसे अधिक चर्चा ‘भावी नगरसेवक’ के सोशल मीडिया ट्रेंड की है, जिसने शहर का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है।
‘भावी नगरसेवक’ ट्रेंड ने पकड़ी रफ्तार
इन दिनों विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अनेक इच्छुक उम्मीदवार अपनी तस्वीरों के साथ खुद को ‘भावी नगरसेवक’ के रूप में पेश कर रहे हैं। यह ट्रेंड बड़ी तेजी से फैल रहा है, जिसके जरिए वे अपने-अपने राजनीतिक आकाओं और जनता का ध्यान आकर्षित करने में जुटे हैं। कई उम्मीदवार तो अभी से ही अपने प्रभागों में समर्थकों को संगठित करने और भविष्य की रणनीति बनाने में लग गए हैं।
युवाओं में भी नगरसेवक बनने की ललक
विशेष बात यह है कि कल तक जो युवा पीढ़ी बड़े नेताओं के समर्थन और प्रचार में दिखाई देते थे, आज वही युवा वर्ग स्वयं नगरसेवक बनने की इच्छा जाहिर कर रहा है। उनकी यह महत्वाकांक्षा मौजूदा राजनीतिक समीकरणों में एक नया आयाम जोड़ रही है।
टिकट वितरण पर टिकी निगाहें: बगावत के आसार
सबसे बड़ा सवाल यह है कि किस उम्मीदवार को किस राजनीतिक दल से बहुप्रतीक्षित ‘AB फॉर्म’ (टिकट) हासिल होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि बड़ी संख्या में इच्छुक उम्मीदवारों को उनकी समर्थित पार्टी से टिकट नहीं मिला, तो शहर में ‘बगावत’ के सुर तेज हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में, पाला बदलने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी काफी बढ़ सकती है, जो प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय है।
‘राजनीतिक गुरु’ की ‘शतरंज चाल’
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, शहर में एक ‘राजनीतिक गुरु’ ऐसा भी है, जिसने पहले ही अपनी ‘शतरंज चाल’ बिछा दी है। इस ‘गुरु’ ने अपने धनबल का इस्तेमाल करते हुए शहर के विरोधी दल में अपने ‘चेहते प्यादों’ को शामिल कर लिया है। यह एक ऐसी गुप्त रणनीति है, जिसके तहत वह सही समय पर इन प्यादों को प्रमुख उम्मीदवारों के सामने खड़ा करेंगे, जिससे मुख्य दलों को सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह ‘साइलेंट किलर’ रणनीति चुनावी नतीजे प्रभावित करने की क्षमता रखती है।
नगराध्यक्ष पद: सक्षम महिला उम्मीदवार की तलाश तेज
नगर परिषद के नगराध्यक्ष (अध्यक्ष) पद को अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित घोषित किए जाने के बाद, शहर के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने अब सक्षम और मजबूत महिला उम्मीदवार की तलाश तेज कर दी है। कुछ नेता तो अभी से ही संभावित ‘भावी नगराध्यक्ष’ और ‘भावी नगरसेवक’ के पोस्टर सोशल मीडिया पर पोस्ट करके राजनीतिक माहौल को और गरमा रहे हैं।
कुल मिलाकर, घुग्घुस का यह आगामी चुनाव न सिर्फ नए चेहरों और युवाओं की भागीदारी के लिए बल्कि दलबदल, भीतरी बगावत और एक ‘मास्टरमाइंड’ की बिछाई गई गोपनीय चालों के कारण भी बेहद दिलचस्प और कांटेदार होने वाला है।
