अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित सीट, दोनों पार्टियों के 3-3 प्रबल दावेदार
चंद्रपुर जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घुस में आगामी नगर परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर है। शहर के कुल 32,545 मतदाताओं के लिए यह चुनाव मात्र एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि घुग्घुस के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित होगा। मुख्य मुकाबला नगर परिषद के नगराध्यक्ष (अध्यक्ष) पद पर केंद्रित है, जो इस बार अनुसूचित जाति (SC) महिला के लिए आरक्षित है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि घुग्घुस की राजनीति में जबरदस्त उबाल आ गया है, क्योंकि 11 प्रभागों की कुल 22 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों के साथ-साथ अन्य दल और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपनी कमर कस ली है।
नगराध्यक्ष पद: भाजपा और कांग्रेस की ‘त्रिशूल’ रणनीति
आरक्षित नगराध्यक्ष पद के लिए, दोनों प्रमुख दल—भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस—रणनीतिक रूप से मजबूत महिला उम्मीदवारों के बीच जूझ रहे हैं। दोनों ही पार्टियों से 3-3 इच्छुक उम्मीदवारों ने अपने-अपने आलाकमान से टिकट की मांग की है। सबकी निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि किसे पार्टी का अधिकृत ‘AB फॉर्म’ मिलता है।
भाजपा से नगराध्यक्ष इछुक उम्मीदवार
पूजा मोहन दुर्गम: पूर्व ग्रामपंचायत सदस्य (2 बार, भाजपा), एक दशक का अनुभव। शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास, प्रबल दावेदार, लंबा राजनीतिक अनुभव और जमीनी पकड़।
वंदना भूमय्या कावेरी: भाजपा नेता/ठेकेदार सुनील बाम की पत्नी, बाम परिवार का राजनीतिक बैकग्राउंड (पूर्व उपसरपंच कृष्ण बाम)। शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास, बाम परिवार के प्रभाव और सामाजिक पहुँच के कारण मजबूत दावेदारी।
वंदना लखन हिकरे: पति (हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल) वेकोलि BMS क्षेत्रीय अध्यक्ष, चाची पूर्व पंचायत समिति सदस्य, भाई रामू हिकरे 2 बार ग्रामपंचायत सदस्य। शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास, मजबूत पारिवारिक राजनीतिक विरासत और संगठनात्मक प्रभाव।
कांग्रेस से नगराध्यक्ष इछुक उम्मीदवार
शोभा शेषराव ठाकरे: पूर्व सरपंच शेषराव ठाकरे की बेटी, स्वयं सरपंच पदभार संभाला और बाज़ार समिति संचालक। शैक्षणिक योग्यता B.Sc. (Bio), उच्च शिक्षा, प्रशासनिक अनुभव और संगठनात्मक समझ के कारण सूची में आगे।
रंजीता पवन अगदारी: पूर्व ग्रामपंचायत सदस्य पवन अगदारी की पत्नी, स्वयं पंचायत समिति सदस्य रह चुकी हैं। शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास, महत्वपूर्ण क्षेत्रीय अनुभव और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का मजबूत आधार।
दीप्ति सुजीत सोनटक्के: पूर्व ग्रामपंचायत सदस्य देवराव सोनटक्के गुरुजी की बहू, पिछले कुछ वर्षों से सामाजिक और राजनीति में सक्रिय। शैक्षणिक योग्यता B.A., पारिवारिक विरासत और वर्तमान सामाजिक सक्रियता के कारण दावेदारी।
बागी उम्मीदवारों की ‘इनकमिंग-आउटगोइंग’ का खतरा
राजनीतिक पंडितों के अनुसार, इन 6 महिलाओं ने अपने पारिवारिक राजनीतिक अनुभव के अलावा, अपने व्यक्तिगत कार्यों से भी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। लेकिन असली चुनौती पार्टी आलाकमान के लिए है।
नामांकन प्रक्रिया सोमवार, 10 नवंबर को शुरू हो गई है और अंतिम तिथि सोमवार, 17 नवंबर है।
विशेष बात यह है कि जिन इच्छुक उम्मीदवारों को पार्टी द्वारा ‘AB फॉर्म’ नहीं मिलेगा, उनके बीच दल-बदल या निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना (इनकमिंग-आउटगोइंग) प्रबल है। दोनों पार्टियों को अपने असंतुष्टों को साधने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि एक भी छोटा बागी उम्मीदवार इस कड़े मुकाबले में वोटों का विभाजन कर खेल बिगाड़ सकता है। वर्षों की निष्ठा का फल मिलता है या नहीं, यह अब 17 नवंबर तक पार्टी आलाकमान के फैसले पर निर्भर करेगा।
सभी की निगाहें अब नामांकन की अंतिम तारीख पर टिकी हैं, जब चुनाव में उतरने वाले अंतिम दावेदारों की तस्वीर साफ़ होगी।
महत्वपूर्ण चुनावी तिथियाँ
- नामांकन की अंतिम तिथि: सोमवार, 17 नवंबर 2025
- फॉर्म की चाचणी (जाँच): मंगलवार, 18 नवंबर 2025
- नाम वापस लेने की अंतिम तिथि: मंगलवार, 25 नवंबर 2025
- मतदान की तिथि: मंगलवार, 2 दिसंबर 2025
- परिणाम की घोषणा: बुधवार, 3 दिसंबर 2025
आने वाला समय ही बताएगा कि घुग्घुस की राजनीति में नगराध्यक्ष का भाग्य किसके पक्ष में चमकता है।
