घुग्घुस में वोटर पंजीयन फर्जीवाड़े के पर्दाफाश की अनेक परतें अब खुलने लगी है। चुनाव आयोग और वोट चोरी के मास्टरमाइंड की रंजक कहानियां यहां खूब चर्चा में है। आश्चर्यचकित करने वाले खुलासों से घुग्घुस की जनता का मतदान प्रक्रिया से विश्वास उठने लगा है। कांग्रेस विरोध में ताल ठोंक रही है तो भाजपा चुप्पी साधे बैठ गई है। वोटर लिस्ट के इस फर्जीवाड़े पर प्रशासन खुलकर बोल ने को तैयार नहीं है। यह गड़बड़ियां क्यों हुई और किसने की ? इस सवाल का जवाब जिला प्रशासन एवं चुनाव विभाग ने अब तक सार्वजनिक रूप से दिया नहीं। इसके चलते प्रशासन की नीति और नियत पर अनेक सवाल उठने लगे है।
‘चंद्रपुर तक’ की खोजबिन और प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि घुग्घुस के जिस वोटर लिस्ट में एक ही युवक का नाम 3 बार दर्शाया गया है, वह युवक बीते 4 सालों से जमशेदपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। इसी वर्ष जनवरी माह में उसकी उम्र 18 वर्ष पूर्ण हुई। जनवरी से अब तक वह घुग्घुस में लौटा भी नहीं। उसने वोटर पंजीयन से संबंधित फॉर्म 6 या अन्य किसी भी प्रकार का आवेदन भरकर नहीं दिया। इसके बावजूद घुग्घुस की वोटर लिस्ट में उसका नाम 3 बार दर्ज किया जा चुका है।
यह पूरी कहानी है – केतन रंजन सुई की
केतन के पिता घुग्घुस के निवासी हैं और वे पारस इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते है। यह दुकान घुग्घुस के दीक्षित तालाब के सामने है। यहां के टीवी रिपेयरिंग का काम कर अपना गुजारा करते हैं। वे मूलत: पश्चिम बंगाल के निवासी है और बरसों पहले घुग्घुस में आकर बस गये। केतन का नाम तब उछला जब कांग्रेस नेता राजू रेड्डी ने वोटर लिस्ट में अनेक गड़बड़ियों का पर्दाफाश किया। इसमें से एक नाम केतन का भी था।
घुग्घुस के मतदाता सूची के प्रभाग क्रमांक 3 में विद्या टॉकिज के पीछे केमिकल वार्ड की सूची में सुई केतन रंजन नामक युवक का नाम वोटर लिस्ट में अनुक्रमांक 3601, वोटर आईडी SML9542432- 71/364/701 दर्ज है। हैरत की बात है कि यही सेम नाम – अनुक्रमांक 3602, वोटर आईडी SM9542473 – 71/364/702 तथा अनुक्रमांक 3603, वोटर आईडी SML9542986 – 71/364/703 से दर्ज है। अर्थात एक ही युवक के यहां 3 पंजीयन स्पष्ट नजर आते हैं।
लोग अभी भूले भी नहीं थे कि गत दिनों घुग्घुस में एक ही मकान में 199 मतदाता निवास करने का मामला उजागर हुआ था। अब इस ताजे मामले ने घुग्घुस के सजग नागरिकों की नींदें उड़ा दी है। हर कोई पूछ रहा है कि राजुरा की तर्ज पर घुग्घुस के फर्जी वोटर कांड में प्रशासन द्वारा अपराध कब दर्ज किया जाएगा ? इस घोटाले के मास्टरमाइंड को कब पकड़ा जाएगा ? प्रशासन तो बस यह कह रहा है कि वे एक से अधिक बार आए नामों को हटा देंगे। परंतु यह नाम अनेक बार जिसने वोटर लिस्ट में जोड़ दिए थे, उसके खिलाफ कौनसी कार्रवाई की जाएगी, इसका खुलासा जिला प्रशासन और चुनाव विभाग के अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं।
पुत्र का नाम उछलने से पिता हैरान
केतन के पिता रंजन सुई घुग्घुस में ही रहते है, उन्हें अचानक से पता चला कि उनके पुत्र का वोटर लिस्ट में 3 बार नाम आया है। कांग्रेस इस विषय को लेकर आपत्ति जता रही है। उन्हें भी वोटर लिस्ट देखकर हैरानी हुई। नगर परिषद द्वारा जारी सूची में 3 बार क्यों और कैसे आ गया ? इसका पता लगाने के लिए पिता रंजन स्वयं नप कार्यालय पहुंचे। लेकिन वहां उन्हें कोई अधिकारी नहीं मिला जो रंजन के सवालों का जवाब दे पाएं। उन्हें दो दिनों बाद आने की सलाह दी गई। जबकि इस पूरे मामले में रंजन ने ‘चंद्रपुर तक’ को बताया कि वे स्वयं हैरान है कि उनके बेटे का नाम 3 बार कैसे आ गया। केतन 4 सालों से जमशेदपुर में पढ़ाई कर रहा है। जनवरी में वह 18 साल का हुआ। उसने यहां आकर कोई फॉर्म नहीं भरा। बावजूद एक ही नाम से 3 आईडी कैसे बन गये, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
