खासदार प्रतिभा धानोरकर और विधायक सुधाकर अडबाले की प्रमुख उपस्थिति में हुआ आयोजन
नानाजी नगर महिला मंडल द्वारा आयोजित ‘वुमेन्स पावर दांडिया’ का भव्य उद्घाटन किया गया। चंद्रपुर-वणी-आर्णी लोकसभा क्षेत्र की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर नागपुर विभाग शिक्षक मतदाता संघ के विधायक सुधाकर अडबाले कार्यक्रम के अध्यक्ष थे, और कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर निगम के पूर्व पार्षद पप्पू देशमुख और पूर्व नगरसेविका अनुराधा हजारे उपस्थित थीं।
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सांसद प्रतिभा धानोरकर ने अपने भाषण में कहा, “पिछले वर्ष, मेरा सम्मान एक महिला विधायक के रूप में किया गया था, और इस बार मुझे सांसद के रूप में सम्मानित किया जा रहा है। इसी कार्यक्रम में, नानाजी नगर और आसपास के क्षेत्र के नागरिकों ने चुनाव में मुझे समर्थन देने का वादा किया था। आप जैसे हजारों लोगों के सहयोग और आशीर्वाद से मुझे आज सांसद के रूप में सम्मान ग्रहण करने का मौका मिला है।”
विधायक सुधाकर अडबाले ने कहा कि यह दांडिया कार्यक्रम उन महान महिलाओं के योगदान को स्मरण करते हुए समाज में सफल महिलाओं का सम्मान करने वाला एकमात्र कार्यक्रम है, जिन्होंने देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कार्यक्रम के दौरान, विधायक सुधाकर अडबाले की पत्नी और सेवानिवृत्त मुख्याध्यापिका सीमा अडबाले का विशेष सम्मान किया गया। उन्होंने कठिन परिस्थितियों और संघर्ष के समय अपने पति का दृढ़ता से साथ दिया है। कार्यक्रम का प्रास्ताविक रमा देशमुख ने किया, संचालन प्रतीक्षा येरगुडे ने किया और आभार प्रदर्शन वैशाली हिवरकर ने किया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए नानाजी नगर महिला मंडल की शुभांगी गावंडे, अल्का लांडे, संगीता पाहुणे, मनीषा बोबडे, जयश्री लांडे, सपना राणा, योगिता नक्षिने, जयश्री पोडे, रंजीता घुमे, माधुरी शास्त्रकार, मनीषा गावंडे, प्रविणा बरडे, चेतना वाढई, शुभांगी घुमे, शीतल वलादे, मंजुषा येरगुडे, स्वाती घुमे, कुंदा देशमुख, शीतल खोंडे, जयश्री खोकले, कविता भांदककर, कल्पना तुम्मुलवार, मीनाक्षी भोंग, शशिकला पाचभाई, अश्विनी तुम्मुलवार, कुमिता कुमरे, उज्ज्वला वाडगुरे, अंजली गिल्लोरकर, प्रतिभा मुके, ऐश्वर्या मडावी, प्रियंका पिंपळकर, मीरा निब्रड, साधना शेंडे, कविता अवथनकर, अरुणा महातळे, पल्लवी खाडे, रीना, मीना पारखी, गायत्री बोरीकर, अंजना राणा, पदमा चौहान, ज्योती येरगुडे, स्वाती निखाडे, नेहा पाचभाई और माया चिलकोटी ने अथक प्रयास किए।