चंद्रपुर जिले के बल्लारशाह रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। स्टेशन पर दो मासूम बच्चे – दो वर्षीय बच्ची और तीन वर्षीय बच्चा – लावारिस अवस्था में मिले। जांच में सामने आया कि इन्हें इनके जन्मदाता माता-पिता ने ही वहां छोड़ दिया और फरार हो गए। रेलवे पुलिस और चाइल्ड लाइन टीम ने तत्परता दिखाते हुए इन मासूमों को सुरक्षित चंद्रपुर के किलबिल संस्थान में भर्ती कराया। फिलहाल दोनों बच्चे सुरक्षित हैं, लेकिन उनके माता-पिता का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। रेलवे पुलिस और स्थानीय प्रशासन बच्चों के परिजनों की तलाश में जुट गए हैं।
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कैसे मिला बच्चों का सुराग?
मंगलवार दोपहर बल्लारशाह रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने देखा कि एक छोटी बच्ची और एक छोटा बच्चा बिना किसी अभिभावक के इधर-उधर घूम रहे थे। कोई भी उनके साथ नहीं था, जिससे यात्रियों को चिंता हुई। तुरंत रेलवे प्रशासन को सूचित किया गया। रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर स्थित चाइल्ड लाइन कक्ष के पर्यवेक्षक भास्कर ठाकुर और धर्मेंद्र मेश्राम ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को अपने संरक्षण में लिया। उन्होंने दोनों के भोजन और देखभाल की व्यवस्था की। पर्यवेक्षक ने बताया कि बच्चे इतनी छोटी उम्र के हैं कि वे ठीक से बोल भी नहीं पा रहे हैं। वे यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि वे कहां से आए हैं और उनके माता-पिता कौन हैं।
सीसीटीवी फुटेज में दिखी दिल दहला देने वाली सच्चाई
बच्चों को सुरक्षित रखने के बाद जीआरपी के प्रभाकर कांबले, उमेश भारले और कीर्ति मिश्रा ने मामले की जांच शुरू की। स्टेशन परिसर और आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन बच्चों के माता-पिता के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। इसके बाद आरपीएफ कार्यालय के इंस्पेक्टर एस.के. पाठक की मौजूदगी में स्टेशन परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। फुटेज में एक चौंकाने वाला दृश्य सामने आया – दोनों बच्चे एक पुरुष और एक महिला के साथ नजर आए। यह संभावना जताई जा रही है कि यही उनके माता-पिता थे। फुटेज में साफ दिखा कि दोनों ने कुछ देर तक इधर-उधर देखा और फिर मासूम बच्चों को रेलवे स्टेशन पर अकेला छोड़कर चले गए।
अब बच्चों के माता-पिता की तलाश में जुटी पुलिस
रेलवे पुलिस अब उन निर्दयी माता-पिता की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रेलवे पुलिस और चाइल्ड लाइन टीम महिला और पुरुष की तलाश कर रही है।
» क्या बच्चों को जानबूझकर छोड़ा गया?
» इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या माता-पिता किसी मजबूरी के कारण बच्चों को छोड़कर गए?
» या फिर यह किसी संगठित अपराध का हिस्सा है?
क्या बच्चों को तस्करी या किसी अन्य अवैध गतिविधि से बचाने के लिए स्टेशन पर छोड़ दिया गया? फिलहाल, रेलवे पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। बच्चों के माता-पिता की तलाश जारी है और इस घटना की सच्चाई जल्द ही सामने आ सकती है।
आखिर क्यों माता-पिता अपने मासूम बच्चों को यूं बेसहारा छोड़कर चले जाते हैं?
» क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों की जरूरत नहीं है?
» समाज की क्या जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे बच्चों को सुरक्षित और अच्छा भविष्य मिले?
फिलहाल, बल्लारपुर रेलवे पुलिस और चाइल्ड लाइन टीम इन मासूमों को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अब देखना यह होगा कि पुलिस जल्द से जल्द इन बच्चों के माता-पिता तक पहुंच पाती है या नहीं।