भारतीय जनता पार्टी एवं श्री महाकाली माता महोत्सव समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन
चैत्र पूर्णिमा के पावन अवसर पर चंद्रपुर शहर स्थित श्री महाकाली मंदिर परिसर में 51 फुट ऊंचे ध्वज का भव्य ध्वजारोहण समारोह अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से संपन्न हुआ। इस धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी चंद्रपुर विधानसभा तथा श्री महाकाली माता महोत्सव ट्रस्ट द्वारा किया गया था। कार्यक्रम का नेतृत्व विधायक किशोर जोरगेवार के विशेष प्रयासों और मार्गदर्शन में किया गया। सुबह 8 बजे श्री महाकाली मंदिर परिसर में 101 महिला भक्तों के पवित्र हस्तों द्वारा यह विशाल ध्वज फहराया गया। इस अवसर पर महाकाली माता की चांदी की मूर्ति, रथ और पालखी का विधिवत पूजन कर उन्हें भक्तों के दर्शनार्थ प्रस्तुत किया गया।
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इस पावन आयोजन में विधायक किशोर जोरगेवार, मनिष महाराज, सुनील महाकाले, ट्रस्ट के सचिव अजय जयस्वाल, विश्वस्त श्याम धोपटे, मिलिंद गंपावार, राजू शास्त्रकार, तुषार सोम, पूर्व नगरसेविका छबू वैरागडे, कल्पना बबुलकर, प्रदीप किरमे, वंदना हातगावकर, संजय बुराघाटे, अरुण तिखे, राजेंद्र खांडेकर, अनिल तहलानी, जितेश कुळमेथे, निलीमा वनकर, कल्पना शिंदे, दुर्गा वैरागडे, रुपा परसराम, वंदना हजारे, अनिता झाडे, चंपा विश्वास, दीक्षा सातपुते, चंदा ईटनकर, अस्मिता डोणारकर, आशा देशमुख, नितीन शाहा, कालिदास धामणगे, करणसिंग बैस, प्रविण गिलबीले, मुन्ना जोगी, संजय महाकालीवार, सुमित बेले, कैलास धायगुने, चंद्रकांत बातव, प्रशांत दिवेदी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।
विधायक किशोर जोरगेवार ने इस अवसर पर कहा, “महाकाली माता शक्ति, श्रद्धा और हमारी सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक हैं। चैत्र पूर्णिमा पर यह आयोजन केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक है। 51 फुट ऊंचा ध्वज हमारी भक्ति और परंपरा की साक्षी है।” उन्होंने आगे बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नवरात्रि के दौरान महाकाली महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रथ यात्रा और पालखी की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। चैत्र यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु इस बार भी रथ और पालखी का विधिवत पूजन कर उन्हें मंदिर परिसर में दर्शनार्थ रखा गया है।
पूरे कार्यक्रम के दौरान श्री महाकाली मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण से गूंजता रहा। महिलाएं, पुरुष, युवा एवं वरिष्ठ नागरिकों की भारी उपस्थिति से यह आयोजन अत्यंत भव्य एवं ऐतिहासिक बन गया। श्रद्धालुओं की इस आस्था ने एक बार फिर चंद्रपुर की सांस्कृतिक समृद्धि को रेखांकित किया।