ओबीसी समाज के लिए आदर्श आचार संहिता तैयार की जाएगी: डॉ. अशोक जीवतोड़े
चंद्रपुर के माता महाकाली नगरी में पहली बार विदर्भ स्तरीय ओबीसी महिला अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। यह अधिवेशन 11 जून, बुधवार को दोपहर 12 बजे से स्थानीय जनता महाविद्यालय के प्रांगण में शुरू होगा। विदर्भ के सभी जिलों से सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय महिलाएं प्रतिनिधित्व करने के लिए उपस्थित रहेंगी।
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महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर होगी चर्चा
इस अधिवेशन में ओबीसी महिलाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
सरकारी योजनाओं की जानकारी: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ओबीसी समाज के लिए लिए गए निर्णयों और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
दहेज और महिला अत्याचार के खिलाफ मांग: दहेज पीड़ित स्व. वैष्णवीताई हगवणे और अन्य दहेज पीड़ित महिलाओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ ही, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दहेज से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की जाएगी।
ओबीसी समाज में सुधार: समाज में प्रचलित अनुचित परंपराओं और महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण रीति-रिवाजों को समाप्त करने पर चर्चा होगी। इसके लिए ओबीसी समाज के लिए एक आदर्श आचार संहिता तैयार की जाएगी।
महिलाओं को समान अवसर: सभी क्षेत्रों में महिलाओं को समान अवसर मिलें, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से पाठपुरावा करने हेतु प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
राज्य और केंद्र सरकार से मांगें: ओबीसी समाज की सरकार से जुड़ी मांगों पर भी चर्चा होगी और संबंधित प्रस्ताव रखे जाएंगे।
अगला अधिवेशन: अगले ओबीसी महिला अधिवेशन को महाराष्ट्र स्तर पर आयोजित करने पर विचार किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता का उद्देश्य
इस अधिवेशन के मुख्य संयोजक डॉ. अशोक जीवतोड़े ने बताया कि यह आयोजन महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों के मद्देनजर किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य ओबीसी महिलाओं में जागरूकता फैलाना, उनमें आत्मविश्वास जगाना, महिला सुरक्षा और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना तथा महिला शक्ति का सम्मान करना है। विशेष रूप से, ओबीसी समाज में सामाजिक मुद्दों पर एक आदर्श आचार संहिता बनाकर उसे लागू करने की दिशा में काम किया जाएगा।
एक ऐतिहासिक सामाजिक प्रयोग
आयोजकों ने कहा कि यह पहली बार है जब विदर्भ स्तर पर ओबीसी महिलाओं का ऐसा अधिवेशन हो रहा है। इसे एक ऐतिहासिक सामाजिक प्रयोग के रूप में देखा जा रहा है, जो महिलाओं की स्थिति सुधारने और समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
इस अधिवेशन के माध्यम से ओबीसी महिलाओं को एक मंच मिलेगा, जहाँ वे अपनी समस्याओं को उठा सकेंगी और सामूहिक रूप से समाधान की दिशा में आगे बढ़ सकेंगी।
इस अधिवेशन में पारित प्रस्तावों को केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही, अगले चरण में महाराष्ट्र स्तरीय ओबीसी महिला अधिवेशन आयोजित करने की योजना भी बनाई जा रही है।
यह अधिवेशन ओबीसी समाज में महिलाओं की स्थिति सुधारने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल साबित हो सकता है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने और समानता का अधिकार दिलाने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है।
> “महिलाएं जब एकजुट होती हैं तो समाज बदलने की ताकत रखती हैं। यह अधिवेशन उसी दिशा में एक प्रयास है।” – डॉ. अशोक जीवतोड़े