डॉ अशोक जीवतोड़े बोले – “सिर्फ कुनबी रिकॉर्ड वालों को मिले प्रमाण पत्र, पूरे मराठा समाज को ओबीसी में शामिल करना अन्याय”
मराठा आरक्षण आंदोलन की आग अब महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में और तेजी से फैल रही है। जहां आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे ने मुंबई की ओर कूच कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं, वहीं दूसरी ओर ओबीसी समुदाय ने इसका जोरदार विरोध शुरू कर दिया है।
चंद्रपुर में वरोरा नाका चौक पर ओबीसी समाज के कार्यकर्ताओं ने बड़ा प्रदर्शन किया। इस आंदोलन की अगुवाई ओबीसी नेता डॉ अशोक जीवतोड़े ने की और इस दौरान मनोज जरांगे के खिलाफ नारेबाजी भी हुई।
ओबीसी नेताओं का रुख
डॉ अशोक जीवतोड़े ने आरोप लगाया कि मनोज जरांगे किसी विशेष राजनीतिक नेताओं के इशारे पर यह आंदोलन चला रहे हैं। उन्होंने कहा –
“जरांगे का मुंबई कूच असल में मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने और उन्हें घेरने की राजनीतिक चाल है। मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण देने का सवाल ही नहीं उठता। केवल उन्हीं लोगों को प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए जिनके पास आधिकारिक ‘कुनबी’ रिकॉर्ड मौजूद हैं। सामान्य तौर पर पूरे मराठा समाज को ओबीसी प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता।”
राजनीतिक साज़िश का आरोप
विरोध प्रदर्शन के दौरान जीवतोड़े ने दावा किया कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए कुछ राजनीतिक दल राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आरोप था कि जरांगे को आगे कर जनता को गुमराह किया जा रहा है और इससे सामाजिक समीकरणों में खाई बढ़ाने की साजिश की जा रही है।
पृष्ठभूमि
मनोज जरांगे पिछले कई महीनों से मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सक्रिय हैं। उन्होंने पहले भी लंबा अनशन किया था और अब मुंबई की ओर मार्च कर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं।
दूसरी तरफ, ओबीसी समुदाय का स्पष्ट कहना है कि अगर मराठा समाज को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिया गया तो उनका आरक्षण का हक़ मारा जाएगा।
इन हालातों के बीच साफ है कि मराठा आरक्षण आंदोलन बनाम ओबीसी विरोध की जंग आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति को और गरमाएगी।
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