तेलंगाना के करीमनगर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें🔍 चंद्रपुर जिले के भाजपा नेताओं मे प्रकाश देवतले और मनोज पाल समेत पांच लोगों पर अपहरण, गाली-गलौज, मारपीट और 80,000 रुपये लूटने का गंभीर आरोप लगाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह केस घटना के पांच दिन बाद दर्ज किया गया, जिससे इसे राजनीतिक साजिश माना जा रहा है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि उन्हें झूठे केस में फंसा रही है।
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कैसे हुआ यह हंगामा?
19 मार्च की रात तेलंगाना के 🔍करीमनगर शहर के श्रीनिवास लॉज में पोंभुर्णा तहसील देवाडा सेवा सहकारी संस्था के सरपंच विलास मोगलकर और अन्य सहकारी सदस्य ठहरे हुए थे। इसी दौरान भाजपा नेता प्रकाश देवतळे और मनोज पाल अपने साथियों के साथ वहां पहुंचे। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई।
मोगलकर ने तुरंत पुलिस से शिकायत की, करीमनगर 1 टाउन पुलिस ने आरोपियों को पर्सनल बॉन्ड पर छोड़ भी दिया था। सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन पांच दिन बाद अचानक मोगलकर ने दोबारा तहरीर दी और इस बार एफआईआर में अपहरण और लूट जैसे संगीन आरोप जोड़े गए!
किन पर लगे आरोप?
करीमनगर 1 टाउन पुलिस ने भाजपा नेता प्रकाश देवतले, मनोज पाल, श्यामकांत थेरे, मनदीप रोडे और बबलू सिंह के खिलाफ अपहरण, गाली-गलौज, मारपीट और 80,000 रुपये लूटने का मामला दर्ज किया है।
लेकिन मामला और भी पेचीदा हो गया है!
1. एफआईआर में मनदीप रोडे का नाम दर्ज, जबकि वे उस दिन कश्मीर में थे!
2. पुलिस ने श्यामकांत की जगह रमाकांत नाम दर्ज कर दिया – यह गलती थी या सोची-समझी चाल?
3. अगर यह लूट और अपहरण था, तो पुलिस ने पहले क्यों नहीं कार्रवाई की?
4. मध्यवर्ती बैंक के चुनाव से ठीक पहले यह केस क्यों दर्ज किया गया?
भाजपा का पलटवार – “हमें फंसाने की साजिश”
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह बदले की राजनीति का हिस्सा है। प्रकाश देवतले का कहना है कि “हम पर झूठे आरोप लगाकर हमारी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। चुनाव में हमें हराने के लिए यह साजिश है।’’
यह मामला अब सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं बल्कि राजनीतिक बवंडर बन गया है। अब देखना यह होगा कि क्या यह केस अदालत में टिक पाएगा, या फिर यह राजनीति की बिसात पर खेली गई एक चाल साबित होगा?