महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक विजय वडेट्टीवार की विधायकी खतरे में पड़ सकती है। उनके नामांकन पत्र में इस्तेमाल किए गए स्टांप पेपर को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने वडेट्टीवार की उम्मीदवारी को अवैध करार देते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
Whatsapp Channel |
क्या है पूरा मामला?
ब्रह्मपुरी क्षेत्र से परिवर्तन महाशक्ति संयुक्त आघाड़ी, प्रहार जनशक्ति पार्टी, स्वाभिमानी पक्ष और स्वतंत्र भारत पक्ष के संयुक्त उम्मीदवार एडवोकेट नारायण जांभुळे ने यह याचिका दाखिल की है। उन्होंने दावा किया है कि वडेट्टीवार द्वारा चुनावी हलफनामे में इस्तेमाल किया गया स्टांप पेपर उनके नाम से खरीदा नहीं गया था, बल्कि वह उनकी पत्नी के नाम पर था।
याचिका के अनुसार, वडेट्टीवार की पत्नी ने यह स्टांप पेपर किसी ‘करारनामा’ (एग्रीमेंट) के लिए खरीदा था, लेकिन इस पर बाद में ‘प्रॉमिसरी नोट’ (वचन पत्र) लिखकर इसे चुनावी हलफनामे में इस्तेमाल किया गया। यह कानूनन गलत है क्योंकि स्टांप पेपर जिस व्यक्ति के नाम से खरीदा गया हो, उसका उपयोग वही व्यक्ति कर सकता है।
याचिका में क्या मांग की गई है?
याचिकाकर्ता एडवोकेट जांभुळे का कहना है कि इस प्रकार का गलत इस्तेमाल घटनात्मक फर्जीवाड़ा (कॉन्टिट्यूशनल फ्रॉड) है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि:
1. विजय वडेट्टीवार का नामांकन अवैध घोषित किया जाए।
2. उनके खिलाफ चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के आधार पर कार्रवाई की जाए।
3. उनकी विधायकी को रद्द किया जाए।
न्यायालय में क्या हुआ?
यह याचिका हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रवीण पाटील की बेंच के समक्ष प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वडेट्टीवार को 25 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
पहले भी हो चुकी है याचिका
याचिकाकर्ता जांभुळे ने यह मुद्दा पहले ही चुनाव आयोग और न्यायालय के समक्ष उठाया था, लेकिन तब अदालत ने कहा था कि यह मामला चुनावी याचिका के तहत उठाया जाना चाहिए। अब, चुनाव के बाद यह मामला दोबारा हाईकोर्ट में पहुंचा है, जिससे वडेट्टीवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
राजनीतिक असर
अगर कोर्ट इस याचिका को स्वीकार कर लेता है और वडेट्टीवार की उम्मीदवारी को अवैध घोषित करता है, तो कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका होगा। ब्रह्मपुरी सीट पर पुनः चुनाव कराने की नौबत भी आ सकती है, जिससे क्षेत्र की राजनीतिक परिस्थितियां बदल सकती हैं।
विजय वडेट्टीवार महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और पूर्व में राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस मामले पर अब उनकी ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है। देखना होगा कि 25 अप्रैल तक वह कोर्ट में क्या जवाब दाखिल करते हैं और अदालत इस मामले में आगे क्या रुख अपनाती है।