चंद्रपुर के मूल शहर में योग दिवस के मौके पर कर्मवीर महाविद्यालय के पेड़ पर बैठा तेंदुआ देखकर मची सनसनी, भीड़ जुटी और बिबट्या जंगल में भाग निकला। पढ़ें पूरी सनसनीखेज खबर।
आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर जहां एक ओर पूरा जिला योगमय माहौल में डूबा था, वहीं दूसरी ओर चंद्रपुर के मूल शहर में एक सनसनीखेज दृश्य सामने आया। सुबह के समय कर्मवीर महाविद्यालय के क्रीड़ा मैदान में लगे एक पेड़ पर एक जंगली तेंदुआ विश्राम करता हुआ दिखाई दिया। यह दृश्य देखकर लोग चौंक उठे और देखते ही देखते वहां भारी भीड़ जमा हो गई।
मूल शहर चंद्रपुर–गडचिरोली मार्ग पर स्थित है और यह इलाका ताडोबा बफर झोन से सटा हुआ है, जो पहले से ही बाघ-तेंदुओं के लिए प्रसिद्ध है। इसी क्षेत्र में गोंदिया की ओर जाने वाली रेलवे लाइन भी गुजरती है, जिसके पास कर्मवीर महाविद्यालय स्थित है — यह मूल शहर का सबसे बड़ा कॉलेज है।
जब कॉलेज में योग दिवस के कार्यक्रम की तैयारियां चल रही थीं, उसी दौरान छात्रों और स्थानीय नागरिकों की नजर एक पेड़ पर बैठे तेंदुए पर पड़ी। तेंदुआ एकदम शांत था और पेड़ पर विश्राम कर रहा था, जिससे पहले पहल यह भ्रम हुआ कि यह कोई मूर्ति या आकृति है। लेकिन जब उसमें हलचल हुई, तो हड़कंप मच गया।
भीड़ की हलचल और शोरगुल के बीच कुछ समय बाद तेंदुआ खुद को बचाते हुए पेड़ से उतरा और चुपचाप पास के जंगल की ओर चला गया। वन विभाग को तुरंत सूचित किया गया। वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, लेकिन तब तक तेंदुआ लौट चुका था।
विशेषज्ञों की राय:
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह तेंदुआ संभवतः ताडोबा के बफर जंगल से भटककर आया था। गर्मी और इंसानी हलचल से बचने के लिए वह पेड़ पर चढ़ गया होगा। तेंदुए का शहरी सीमा में प्रवेश जंगलों के सिकुड़ते क्षेत्र और इंसानी दखल के खतरनाक संकेत हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि मनुष्य और वन्यजीवों के बीच की सीमाएं दिन-ब-दिन धुंधली होती जा रही हैं। योग दिवस पर जहां लोग शांति और प्रकृति के साथ जुड़ने की बात कर रहे थे, वहीं यह घटना इस बात की याद दिला गई कि प्रकृति को अगर हमने नजरअंदाज किया, तो वह हमें यूं ही चौंकाती रहेगी।
