720 शराब दुकानों के लाइसेंस कैसे जारी हुए, किसने कितने लाख लिए? SIT की एंट्री से मचा हड़कंप!
पहले ही दिन 14 शिकायतें, लाखों की रिश्वत के सबूत, और बड़े नाम अब रडार पर!
क्या अब होगी सफाई… या फिर होगी सेटिंग?
चंद्रपुर जिले में शराबबंदी हटने के बाद खुली 🔍‘दारू की दुकानें’ अब करोड़ों के घोटाले की दुकानों में तब्दील हो चुकी हैं!
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2015 में लागू हुई शराबबंदी को 2021 में हटाया गया। उसके बाद मानो जिले में🔍 ‘दारू का अंधाधुंध कारोबार’ शुरू हो गया – पर नियमों को ताक पर रखकर। 500 से सीधी 720 दुकानों तक का सफर, और हर दुकान के पीछे एक अलग घोटाले की कहानी!
अब इस पूरे मामले की जांच के लिए गठित SIT (विशेष जांच दल) सोमवार को 🔍चंद्रपुर में धमाकेदार एंट्री कर चुका है। SIT का नेतृत्व कर रहे हैं भ्रष्टाचार विरोधी विभाग (ACB) के अपर 🔍पुलिस आयुक्त संदीप दिवाण। पहले ही दिन उन्हें 14 पक्की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें साफ तौर पर बड़े घोटालों की बू आ रही है।
‘लाइसेंस के बदले लिफाफा’ – 1 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए अधिकारी!
🔍9 मई 2024 को उत्पादन शुल्क विभाग के अधीक्षक संजय जयसिंगराव पाटील समेत तीन अधिकारियों को बियर शॉप का लाइसेंस देने के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। इस घटना ने पूरे प्रशासन और राजनीति में भूकंप ला दिया। तभी से ये साफ हो गया कि मामला सिर्फ छोटी-मोटी सेटिंग का नहीं, बल्कि कोट्यवधी रुपये की हेराफेरी का है।
720 शराब दुकानें, नियमों की धज्जियाँ!
शराबबंदी के दौरान 🔍चंद्रपुर जिले में लगभग 500 शराब दुकानें (बियर शॉप्स, बार-रेस्टोरेंट और देसी-विदेशी मद्य विक्रेता) थीं। लेकिन आज ये संख्या बढ़कर 720 हो चुकी है। आरोप है कि शराब की दुकानों के स्थानांतरण और नए लाइसेंस जारी करते समय कानूनों को नजरअंदाज किया गया और बड़े पैमाने पर आर्थिक लेनदेन हुआ। यह सारा खेल करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
SIT का शिकंजा कसना शुरू – हर शिकायत होगी दर्ज, हर घोटालेबाज का नाम उजागर!
चार महीने पहले बनी थी SIT, अब शुरू हुई गंभीर जांच
संदीप दिवाण के नेतृत्व वाली टीम ने आज चंद्रपुर में डेरा डाला और ACB ऑफिस में नागरिकों से खुली शिकायतें स्वीकार कीं। मंगलवार को भी शिकायतें ली जाएंगी। इसके अलावा उत्पादन शुल्क विभाग के अधिकारियों से भी सख्ती से जवाब-तलब किया जाएगा। SIT की रिपोर्ट सीधे राज्य सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके बाद बड़े नामों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
किसने उठाई आवाज़?
इस पूरे घोटाले की पोल राजुरा के विधायक देवराव भोंगळे ने खोली। उनके द्वारा की गई शिकायत को पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार का भी समर्थन मिला।
SIT में कौन हैं शामिल?
संदीप दिवाण – ACB अपर पुलिस आयुक्त, डॉ. दिगंबर प्रधान – ACB नागपुर के पुलिस अधीक्षक, संजय पुरंदरे – अपर पुलिस अधीक्षक, दो स्थानीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
अब होगी सफाई या फिर सेटिंग? सरकार के फैसले पर टिकी निगाहें!
इस रिपोर्ट के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। शराब माफिया, दलाल और घोटालेबाज अधिकारियों में घबराहट का माहौल है। जनता अब एक ही सवाल पूछ रही है –
“क्या अब न्याय मिलेगा या फिर घोटाले पर पर्दा डाला जाएगा?”