कर्नाटक के महादेवपुरा मतदारसंघ की तर्ज पर अब चंद्रपुर जिले के राजुरा विधानस क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर मतचोरी और फर्जी मतदाता पंजीकरण का मामला सामने आया है। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर चुनाव आयोग की मिलीभगत से संगठित तरीके से मतदाता सूची में धांधली करने का गंभीर आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ प्रवक्ता अतुल लोंढे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि, “यदि एक महीने के भीतर इस प्रकरण में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस अदालत का दरवाज़ा खटखटाएगी।”
55 हज़ार वोटर बढ़े, 11 हज़ार फर्जी नाम चढ़ाए
अतुल लोंढे ने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच सिर्फ 5 महीनों में राजुरा मतदारसंघ में 55,000 मतदाताओं की वृद्धि दर्ज की गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2024 के बीच मात्र 15 दिनों में ही 11,667 ऑनलाइन बोगस मतदाता जोड़े गए। कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष धोटे की शिकायत पर चुनाव आयोग ने जांच कर 6,853 फर्जी नाम हटाए और FIR भी दर्ज हुई। लेकिन ग्यारह महीने गुजर जाने के बाद भी पुलिस व प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
भाजपा प्रत्याशी से 61 लाख कैश बरामद
लोंढे ने यह भी खुलासा किया कि राजुरा से भाजपा उम्मीदवार के पास 61 लाख रुपये नकद और चुनावी सामग्री जब्त हुई थी। चुनाव आयोग की फ्लाइंग स्क्वॉड टीम ने कार्रवाई कर मामला गडचांदूर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया, लेकिन इस पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
लोंढे का सवाल – “इतना सबूत होने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी पर कार्रवाई क्यों नहीं?”
कांग्रेस की चेतावनी – अदालत में लड़ाई
राजुरा विधानसभा के पूर्व विधायक और कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुभाष धोटे ने भी कहा कि उन्होंने कई बार चुनाव आयोग, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन अब तक नतीजा शून्य है।
लोंढे ने चेतावनी दी –
“मतचोरी के खिलाफ कांग्रेस जनता की अदालत में लड़ाई लड़ ही रही है, लेकिन यदि एक माह में कार्रवाई नहीं हुई तो हम न्यायालय में भी आवाज़ उठाएंगे।”
यह मामला केवल राजुरा का नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र और देश की लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरे की घंटी है। कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाकर भाजपा पर चुनावी भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ रही है। वहीं प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है – क्या लोकतंत्र का प्रहरी खुद ही समझौता कर चुका है?
