जनता अपने नेताओं को चुनती है। जनता की समस्याओं को अपने-अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सदन में उठाते हैं। नेताओं के इन सवालों से ही सदन में कार्यवाही की दिशा तय होती है। अधिकांश मामलों में फैसला और हल निकल आता है। इन्हीं सवालों के आधार पर सरकार नीतियां बनाती है। कल्याणकारी राज्य इन्हीं सवालों के आधार पर चलती है। मुंबई की ‘संपर्क’ संस्था ने 27 सितंबर 2024 को 14वीं विधानसभा (2019-2024) के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का विश्लेषण किया। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच, एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, जिले के छह विधायकों में से विपक्ष के नेता और विधायक विजय वडेट्टीवा और सुभाष धोटे ने सबसे ज्यादा सवाल पूछे। पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार चौथे स्थान पर, किशोर जोरगेवार पांचवें स्थान पर, जबकि बंटी भांगडिया छठे स्थान पर रहे। खास बात यह है कि पहली बार चुनी गई 92 महिला विधायकों में, वर्तमान सांसद प्रतिभा धानोरकर ने सबसे ज्यादा सवाल पूछकर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह जानकारी लोकमत ने उजागर की है।
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दैनिक लोकमत अखबार के मुताबिक लोकतंत्र में, जब मतदाता अपने प्रतिनिधियों से अपेक्षाएं रखते हैं, तो यह जानना जरूरी होता है कि उनके प्रतिनिधियों की सही जिम्मेदारियां क्या हैं और उन्होंने उन्हें किस उद्देश्य से चुना है। इसी तरह, चुनाव लड़ने वालों को भी यह जानना चाहिए कि यदि वे चुनाव जीतते हैं तो उनका संवैधानिक उत्तरदायित्व क्या होगा। चूंकि हमने एक जनकल्याणकारी राज्यव्यवस्था को अपनाया है, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि जनप्रतिनिधियों ने जनता के कितने मुद्दों पर आवाज उठाई है, और इसी आधार पर उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य से ‘संपर्क’ संस्था ने राज्य के सभी विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का अध्ययन कर यह रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट से यह सामने आया है कि जिले के छह विधायकों ने विधायिका में कुल 1,042 सवाल पूछे हैं।
पुरुष और महिला विधायकों में भी प्रतिभा धानोरकर अव्वल
तत्कालीन विधायक प्रतिभा धानोरकर ने विधानसभा में 316 सवाल पूछकर राज्य की 92 नई महिला विधायकों में पहला स्थान हासिल किया। खास बात यह है कि पुरुष और महिला विधायकों के बीच भी वह राज्य में छठे स्थान पर हैं। उन्होंने स्वास्थ्य पर 31, शिक्षा पर 21, पानी पर 7, कृषि पर 7, बेरोजगारी पर 2, बाल विकास पर 12, महिलाओं और लड़कियों पर 8, और आदिवासियों से संबंधित 9 सवाल उठाए थे।
मुनगंटीवार ने 205 सवाल उठाए
विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने सबसे ज्यादा 380 सवाल उठाए। पिछली विधानसभा में भी वह जिले से आगे थे। पालक मंत्री मुनगंटीवार ने 205 सवाल पूछे। 2022 से वह मंत्री पद पर हैं। विधायक धोटे ने 333 सवाल पूछकर जिले में दूसरा स्थान हासिल किया। निर्दलीय विधायक जोरगेवार ने 117 सवाल उठाकर पांचवें स्थान पर रहे। चिमूर के विधायक बंटी भांगडिया ने पिछली विधानसभा की तरह इस बार भी सबसे कम सवाल पूछे हैं।
सदन में किए गए कामों का आकलन
राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जनता को मताधिकार का प्रयोग करते समय विधायकों के सदन में किए गए काम का भी आकलन करना चाहिए। जनसमस्याओं का अधिक से अधिक प्रतिबिंब सदन में दिखाई दे और उनके समाधान के लिए हमारे प्रतिनिधि प्रयास करें, इसी उद्देश्य से ‘संपर्क’ ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। – मृणालिनी जोग, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, संपर्क संस्था, मुंबई
विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों की संख्या: 1,424
- 380: विजय वडेट्टीवार (मंत्री जून 2022 तक, ब्रह्मपुरी)
- 333: सुभाष धोटे (राजुरा)
- 316: प्रतिभा धानोरकर (मई 2024 तक विधायक, वरोरा)
- 205: सुधीर मुनगंटीवार (मंत्री 2022 से, बल्लारपुर)
- 117: किशोर जोरगेवार (चंद्रपुर)
- 73: बंटी भांगडिया (चिमूर)