महाराष्ट्र सरकार ने बियर और शराब की दुकानों को लेकर एक सख्त फैसला लिया है। अब अगर कोई गृहनिर्माण सोसायटी (हाउसिंग सोसायटी) के व्यावसायिक गाले (दुकान) में बियर या शराब की दुकान खोलना चाहता है, तो उसे पहले सोसायटी से ‘ना हरकत प्रमाणपत्र’ (NOC) लेना अनिवार्य होगा। इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने की है।
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सोसायटी की अनुमति के बिना नहीं खुलेगी शराब की दुकान
अजित पवार ने स्पष्ट किया कि राज्य में किसी भी हाउसिंग सोसायटी के व्यावसायिक परिसर में बियर या शराब की दुकान तभी खोली जा सकेगी, जब संबंधित सोसायटी इसके लिए अपनी सहमति देगी। यदि सोसायटी ‘ना हरकत प्रमाणपत्र’ नहीं देती है, तो वहां दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिलेगी। सरकार के इस फैसले से अब सोसायटी के रहवासियों को यह अधिकार मिलेगा कि वे अपने परिसर में शराब की दुकान खुलने का समर्थन करें या इसका विरोध करें।
दारूबंदी और अवैध बिक्री रोकने के लिए सरकार की कड़ी नीति
अजित पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य राज्य में शराब की बिक्री को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि दारूबंदी कानूनों को कड़ाई से लागू करना है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में दशकों से शराब बिक्री के नए लाइसेंस नहीं दिए गए हैं। स्कूलों और कॉलेजों के पास शराब की दुकान खोलने की अनुमति नहीं है। साथ ही, यदि स्थानीय लोग शराब की दुकान का विरोध करते हैं, तो वे मतदान कर इसे बंद करवा सकते हैं।”
शराब की दुकानों को लेकर नया मतदान नियम
सरकार ने शराब की दुकानों को खोलने या बंद करने के लिए मतदान की एक नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत यदि किसी इलाके में शराब की दुकान को बंद करने के लिए महापालिका वार्ड (नगर निगम क्षेत्र) में मतदान होता है, तो उस वार्ड के कुल मतदान का 75% यदि दुकान के खिलाफ जाता है, तो दुकान को बंद कर दिया जाएगा।
अवैध शराब बिक्री पर सरकार की सख्ती
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शराब बिक्री को बढ़ावा देने की बजाय सरकार अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। “यदि शराब की वजह से राज्य की कानून-व्यवस्था बिगड़ती है, तो इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से आने वाले हर सुझाव पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी।”
जनता को मिलेगा अधिकार, सरकार करेगी सख्त निगरानी
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से अब किसी भी हाउसिंग सोसायटी में शराब की दुकान खुलने या न खुलने का फैसला वहां के निवासियों के हाथ में रहेगा। साथ ही, यदि किसी इलाके में लोग शराब की दुकान बंद करवाना चाहते हैं, तो वे मतदान के जरिए इसे बंद करा सकते हैं।
सरकार के इस नए नियम से राज्य में शराब की दुकानों की अनियंत्रित वृद्धि पर रोक लगेगी और अवैध शराब बिक्री पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी।