महाराष्ट्र विधानपरिषद के मॉनसून सत्र में सोमवार को एक संवेदनशील और वर्षों से लंबित मुद्दा जोरशोर से उठा — नगरपरिषद और नगरपंचायत शालाओं में कार्यरत हजारों शिक्षक और गैर-शिक्षकीय कर्मचारी आज भी किसी भी पेंशन योजना से वंचित हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा करते हुए विधायक सुधाकर अडबाले ने सरकार से सीधा सवाल पूछा: “क्या इस अधिवेशन के अंत से पहले इस गंभीर विषय पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा?”
क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2005 के शासन निर्णय के तहत महाराष्ट्र सरकार ने सभी कर्मचारियों पर अंशदायी निवृत्तिवेतन योजना (DCPS) लागू की थी। इसके बाद वर्ष 2022 में महानगरपालिकाओं के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू की गई।
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि नगरपरिषद और नगरपंचायत के शिक्षकों और कर्मचारियों को आज तक कोई भी पेंशन योजना लागू नहीं की गई है।
विधायक अडबाले ने गंभीरता से बताया कि:
> “करीब 20 वर्षों से हजारों कर्मचारी योगदान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस दौरान कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं, कईयों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन एक भी रुपया उनके पेंशन खाते में जमा नहीं हुआ।”
विधानसभा में मंत्री का आश्वासन:
इस सवाल का उत्तर देते हुए शिक्षण मंत्री उदय सामंत ने स्वीकार किया कि यह विषय अत्यंत गंभीर है और वित्त विभाग की संस्तुति के बाद:
> “एक से डेढ़ महीने के भीतर संबंधित फाइल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री (जो कि वित्तमंत्री भी हैं) को सौंपी जाएगी और इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि:
DCPS को 2015 से केंद्र सरकार की NPS स्कीम में जोड़ा गया है।
नगरपरिषद/नगरपंचायत कर्मियों की पेंशन योजना पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के स्तर पर लंबित है।
सवाल जो उठते हैं:
- 20 वर्षों तक सरकार ने इन कर्मचारियों की पेंशन योजना क्यों लंबित रखी?
- वित्त विभाग की फाइल बार-बार “विचाराधीन” क्यों बताई जाती है?
- क्या सरकार इस बार वाकई निर्णय लेगी या यह आश्वासन भी पूर्ववत ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
- क्या यह ‘वंचना’ न्यायालय में चुनौती देने योग्य नहीं है?
राज्य के हजारों कर्मचारियों की वृद्धावस्था और जीवनयापन का प्रश्न अधर में लटका है। यह केवल आर्थिक नहीं बल्कि मानवीय और संवैधानिक हक का मुद्दा बन चुका है। यदि सरकार वाकई में एक से डेढ़ महीने में निर्णय लेती है, तो यह वर्षों से उपेक्षित कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक राहत होगी।
