महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार ‘हनी ट्रैप’ की वजह से गिरी थी, और इसकी कड़ी नाशिक में एक सीडी से जुड़ी है, जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संबंध में संवेदनशील सामग्री है।
वडेट्टीवार ने कहा, “जब समय आएगा तो हम वह सीडी दिखाएंगे। उसमें इतने बड़े-बड़े नाम हैं कि देखने के लिए 10-20 हजार का टिकट लगाना पड़ेगा। आम लोग नहीं, सिर्फ विशेष आमंत्रित ही वह देख पाएंगे।”
हनी ट्रैप का जिन्न फिर बाहर
विधानसभा में कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मंत्रालय, नाशिक और ठाणे हनी ट्रैप के अड्डे बन चुके हैं। उन्होंने सदन में एक पेन ड्राइव भी पेश की, जिसमें कथित सबूत होने का दावा किया गया।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से तत्काल जवाब देने को कहा। हालांकि मुख्यमंत्री शिंदे ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “न कोई हनी ट्रैप है और न कोई जाल। पटोले का बम हम तक पहुंचा ही नहीं।”
उद्धव ठाकरे के बयान को मिला समर्थन
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा विस चुनाव में मिली हार के बाद दिए गए बयान का समर्थन करते हुए वडेट्टीवार ने कहा,
“मुख्यमंत्री भले इनकार करें, लेकिन सच यह है कि उस समय शिंदे सरकार हनी ट्रैप के कारण ही सत्ता में आई थी। उसमें कई आईएएस, पूर्व अधिकारी और अन्य बड़े नाम शामिल हैं।”
यह मामला अब राजनीतिक ब्लैकमेलिंग, सत्ता परिवर्तन के असली कारणों और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। यदि वडेट्टीवार के दावे सच साबित होते हैं, तो यह महाराष्ट्र के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला बन सकता है।
सियासी गलियारों में यह चर्चा अब तेज हो गई है कि क्या वाकई ‘सीडी राजनीति’ ने महाराष्ट्र की सत्ता का चेहरा बदल दिया था?
क्या आगे दिखेगा सीडी का कंटेंट?
वडेट्टीवार ने स्पष्ट कहा कि सबूत मौजूद हैं और सही समय पर उन्हें सार्वजनिक किया जाएगा। अब देखना यह है कि कांग्रेस कब और किस मंच पर इस ‘सीडी बम’ को फोड़ती है और इसका सियासी असर कितनी दूर तक जाता है।
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