महाराष्ट्र सरकार द्वारा विधानसभा के मानसून अधिवेशन में प्रस्तुत जनसुरक्षा विधेयक 2024 ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है।
सरकार का दावा है कि यह कानून “शहरी नक्सलवाद और गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम” लगाने के लिए है, लेकिन विपक्षी महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस – शरद पवार गुट, शिवसेना – उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गुट और वामपंथी दल) ने इसे लोकतंत्र विरोधी और जनता की आवाज दबाने वाला “काला कानून” करार दिया है।
इस विधेयक में प्रावधान है कि –
किसी भी संगठन को सरकारी अधिसूचना जारी कर गैरकानूनी घोषित किया जा सकता है।
उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है।
उस संगठन के पदाधिकारियों को ही नहीं, बल्कि उनकी बैठकों में शामिल होने वालों को भी सात साल तक कैद हो सकती है।
शांतिपूर्ण आंदोलनों, मजदूर हड़तालों और कर्मचारी आंदोलनों को “अवैध” ठहराकर कुचला जा सकता है, यही कारण है कि इसे विपक्ष ने सीधे-सीधे “लोकशाही की हत्या” बताया है।
चंद्रपुर : गांधी चौक पर विशाल प्रदर्शन
चंद्रपुर के गांधी चौक में महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने जोरदार आंदोलन किया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुभाष धोटे, शहर जिलाध्यक्ष रामू तिवारी, राकांपा (शरद गुट) के राजेंद्र वैद्य, शिवसेना (उबाठा) के सुरेश पचारे, महिला जिलाध्यक्ष बेबीताई उईके, कम्युनिस्ट के अरुण भेलके आदि नेताओं ने कहा कि यह कानून संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है और पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व सरकार विरोधियों को जेल भेजने का औजार बनेगा।
बल्लारपुर : तीखा विरोध और नारेबाजी
धरना आंदोलन के दौरान महाविकास आघाड़ी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की – “जनसुरक्षा कानून वापस लो” और “महायुती सरकार हाय-हाय”। इस मौके पर छत्रपती शिवाजी महाराज और भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि भी दी गई।
आंदोलन में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुभाष धोटे, प्रदेश सचिव द्व्य घनश्याम मुलचंदानी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र आर्य, शिवसेना (उ.ठा) के उपजिला प्रमुख विनोद उर्फ सिक्की यादव, राष्ट्रवादी शरदचंद्र पवार पार्टी के अध्यक्ष बादल उराडे, महिला नेता डॉ. रजनी हजारे, पूर्व नगराध्यक्ष दिलीप माकोडे,छाया मडावी, सुनंदा आत्राम, भास्कर माकोडे, इस्माईल ढाकवाला, अफसाना सय्यद, ॲड. मेघा भाले, डॉ सुनील कुलदीवार, बल्लारपुर विकास आघाड़ीचे भारत थूलकर, युवक कोंग्रेस प्रदेश महासचिव चेतन गेडाम, एन एस यू आय जिला अध्यक्ष शफाक शेख, ॲड. पवन मेश्राम, प्रकाश पाठक, बाबा साहू, कल्पना गोरघाटे, ज्योती गहलोत, मिनाक्षी गलगट, प्राणेश अमराज, नरसिंह रेब्बावार, राकेश मुलचंदानी, सादिक जवेरी, रोजिदा ताजूद्दीन, नरेश आनंद, अरबाज सिद्धीकी, अंकीत निवलकर, एड. सय्यद, मंगेश बावणे, कासिम शेख, नाना बुंदेल, मेहमूद पठान, नाजुका आलाम, वासदेव येरगुडे, प्रितम पाटील, सुरेश बोप्पनवार, वर्षा कडू, अंकू बाई भूक्या रेखा रामटेके, छाया शेंडे, विथा बाई बावने, शारदा आक्केवर, आकाशकांत दुर्गे, दुर्गेश मुत्यालवार, रक्षित कृष्णापेल्ली, ताहेर हुसेन, मोहसिन शराफत हुसैन, वाजिद खान, कृष्णा देशवाणी, रोनित गलगट, संदीप टांगें, लखपति घुग़लोत, राजू मारमवार, रमेश जक्कू, नंदू पाल, अमीर शेख, चंचल मुन, दुर्गाराज आरेकर, चंदू वाढ़ई, प्रफुल बोप्पनवार, शेख यूसुफ, सुधाकर पोपले, धर्मा बानोत, अंजलि सोमबंसी, सुनीता राजूरकर, पूजा मडावी, आनंद हनमंतु, बॉबी कादासी, मुकद्दर सय्यद, फारुख खान, जहिर अहमद, सादीक, सूर्यकांत साल्वे खान तथा कांग्रेस और सहयोगी दलों के अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
राजुरा : संविधान चौक पर संयुक्त धरना
राजुरा में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष महाविकास आघाड़ी ने संयुक्त धरना आंदोलन किया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुभाष धोटे, पूर्व नगराध्यक्ष अरुण धोटे, शिवसेना तालुकाप्रमुख बबन उरकुडे, राष्ट्रवादी तालुकाध्यक्ष आशिफ सय्यद, माजी नगराध्यक्ष स्वामी येरोलवार, सभापती विकास देवाळकर, ॲड. अरूण धोटे, माजी उपनगराध्यक्ष सुनील देशपांडे, सेवादल अध्यक्ष दिनकर कर्नेवार, नर्सिंग मादर, माजी नगरसेवक प्रभाकर येरणे, हरजित सिंग संधु, गजानन भटारकर, विलास तुमाने, रवि त्रिशूलवार, नंदकिशोर वाढई, अँड. रामभाऊ देवईकर, शंकर गोनेलवार, जंगू एडमे, बापू धोटे, कोमल फुसाटे, संतोष गटलेवार, अब्दुल जमीर, संतोष इंदूरवार, एजाज अहमद, इरशाद शेख, रामेश्वर ढवस, अँड. चंद्रशेखर चांदेकर, पंढरी चन्ने, रामनंदेश्वर गिरडकर, अजय बतकमवार, प्रणय लांडे, रमेश झाडे, धनराज चिंचोलकर, सुरज माथनकर, उमेश गोरे, अनंता एकडे, राजु पिंपळशेंडे, राजकूमार पाटील, संदीप नन्नवरे, श्याम गरडे, मतीन कुरेशी, अशोक राव, निरंजन मंडल, अनंता ताजने, रविंद्र आत्राम, कुणाल मोकळे, दिपक मडावी, साहील शेख, आकाश मावलीकर, मधुकर झाडे, मिथलेश रामटेके, सय्यद साबिर, संघपाल देठे, रोशन लांडे, आशाताई उरकुडे, नंदाताई मुसने, दिपाताई करमनकर, कविता उपरे, पुणम गिरसावळे, इंदूबाई निकोडे, सुशिला संदुरकर यासह काँग्रेस, राष्ट्रवादी काँग्रेस शरदचंद्र पवार, शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे, समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
नेताओं ने चेतावनी दी कि इस कानून से चंद्रपुर-गडचिरोली जैसे आदिवासी बहुल जिलों में आम जनता, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता पुलिस की मनमानी के शिकार होंगे। उन्होंने मांग की कि यह कानून तुरंत रद्द किया जाए अन्यथा आंदोलन तेज होगा।
घुग्घूस : “काला कानून” के खिलाफ नारेबाजी
घुग्घूस शहर के गांधी चौक पर भी महाविकास आघाड़ी ने आंदोलन किया।
कांग्रेस तालुकाध्यक्ष अनिल नरुले, शहर अध्यक्ष राजुरेड्डी, शिवसेना शहरप्रमुख बंटी घोरपडे, वरिष्ठ नेता गणेश शेंडे, राकांपा युवा अध्यक्ष शरद कुमार, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण डकरे, शिवसेने के चेतन बोबडे, अमित बोरकर, लक्ष्मण बोबडे, हेमराज बावणे, काँग्रेस के नेता सैय्यद अनवर, वरिष्ठ नेता शामराव बोबडे, मुन्ना लोहानी, जिला महासचिव अलीम शेखऔर अजय उपाध्ये, जगन्नाथ आस्वाले, किशोर आवळे सोशल मीडिया के रोशन दंतलवार, इंटक जिल्हा उपाध्यक्ष शहजाद शेख, शेख शमिउद्दीन, एसी सेल तालुकाध्यक्ष राजकुमार वर्मा, तालुका उपाध्यक्ष सिनू गुडला, शेखर तंगडपल्ली एसी सेल जिल्हा उपाध्यक्ष कल्याण सोदारी, महिला जिला महासचिव पदमा त्रिवेणी, दुर्गा पाटील, कार्याध्यक्ष दिप्ती सोनटक्के, संध्या मंडल, पूनम कांबळे, प्रीती तामगाडगे, भाविका आटे, जोया शेख,एन. एस. यु. आय अध्यक्ष आकाश चिलका, सुनील पाटील, अरविंद चहांदे,कुमार रुद्रारप, कपील गोगला, देव भंडारी, दिपक पेंदोर, शहंशाह शेख, संजय कोवे, दिपक कांबळे, अनवर सिद्दीकी, जय मेश्राम,अंकुश सपाटेआदि के नेतृत्व में यह प्रदर्शन हुआ।
कार्यकर्ताओं ने बैनर-पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए – “भाजपा सरकार मुर्दाबाद”, “जनसुरक्षा विधेयक रद्द करो”।
आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि इस कानून के जरिए किसी भी संगठन को सिर्फ अधिसूचना जारी कर “गैरकानूनी” घोषित किया जा सकता है। उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और उनसे जुड़े लोगों को सात साल तक कैद की सजा दी जा सकती है।
सामाजिक आंदोलनों, मजदूर हड़तालों और जनआंदोलनों को कुचलने का यह हथियार है, ऐसा आरोप नेताओं ने लगाया।
गोंडपिपरी : महाविकास आघाड़ी का धरना प्रदर्शन
गोंडपिपरी में भी महाविकास आघाड़ी ने धरना आंदोलन किया।
कांग्रेस तालुकाध्यक्ष देविदास सातपुते, राकांपा तालुकाध्यक्ष राजेश कवठे, शिवसेना प्रमुख सुरज माडूरवार, शहर अध्यक्ष राजू झाडे अशोक रेचनकर, शंभूजी येलेकर, युवक काँग्रेस तालुकाध्यक्ष विपिन पेदुलवार, अनु सूचित जाती विभाग तालुका अध्यक्ष गौतम झाडे, सिनुभाऊ कंदनुरीवार, अजयभाऊ माडुरवार , विनोद नागापुरे, नामदेव सांगळे, संतोष बंडावार, राजु राऊत, अमित फरकडे, रामदास ठाकरे, धीरेंद्र नागापुरे, कडूजी कुबडे, नकुल चंद्रगिरीवार, प्रवीण घ्यार, बालाजी चणकापुरे, अमित फरकडे, गणेश कुरवटकर, प्रशांत कोसनकर और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
नेताओं ने कहा कि यह कानून नागरिक स्वतंत्रता, गोपनीयता और संविधानिक अधिकारों पर गहरी चोट है। सामाजिक आंदोलनों और विपक्षी दलों को दबाने के लिए ही इसे लागू किया जा रहा है।
गडचांदूर (कोरपना) : शिवाजी चौक पर विरोध सभा
गडचांदूर के शिवाजी चौक में भी महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने तीव्र आंदोलन किया।
राकांपा के अरुण निमजे, कांग्रेस नेता विजयराव बावणे, शिवसेना तालुकाप्रमुख सागर ठाकूरवार, शहर अध्यक्ष संतोष महाडोळे, महिला नेता आशा खासरे,न. प. माजी उपाध्यक्ष सचिन भोयर, शैलेश लोखंडे, अभय मुनोत, सुनील झाडे, संजय एकरे, राहुल उमरे, भाऊराव चव्हाण, धनंजय गोरे, राहुल मालेकर, मयूर एकरे, युवक काँग्रेसचे महादेव हेपट, अक्षय गोरे, अहमद शेख, अनिल गोंडे, विवेक येरणे, हारून सिद्दिकी, किरण एकरे, आकाश वराटे, आशिष वांढरे, पुरुषोत्तम मेश्राम, देविदास मुन, कोवन कातकर, प्रणय पानघाटे, सूरज गोंडे, समेत भारी संख्या में पदाधिकारी मौजूद थे।
नेताओं ने कहा कि जनसुरक्षा विधेयक 2024 लोकशाही की हत्या करने वाला कानून है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जिले भर में महाविकास आघाड़ी ने एक स्वर में कहा –
“जनसुरक्षा विधेयक 2024 जनता की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए खतरा है। यदि इसे तुरंत रद्द नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होगा।”
