माणिकगड सिमेंट कंपनी ने भरा 4.47 करोड़ बकाया कर, नगर परिषद की टालेबंदी कार्रवाई टली!
चंद्रपुर जिले के कोरपना तालुका स्थित गडचांदूर नगर परिषद की सख्त कार्रवाई के बाद माणिकगड स्थित अल्ट्राटेक सिमेंट कंपनी ने बकाया कर का 30 प्रतिशत हिस्सा भर दिया है। नगर परिषद द्वारा बार-बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद कर न भरने के कारण परिषद ने कंपनी के प्रवेशद्वार पर टालेबंदी की कार्रवाई करने का निर्णय लिया था। जैसे ही विशेष वसूली दल ने मुख्याधिकारी येमाजी धुमाळ के नेतृत्व में कंपनी के गेट पर धावा बोला, प्रबंधन हरकत में आया और तत्काल 4.47 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
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गडचांदूर के इतिहास की सबसे बड़ी कर वसूली!
सूत्रों के अनुसार, अल्ट्राटेक सिमेंट की माणिकगड इकाई पहले ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती थी, लेकिन गडचांदूर को नगर परिषद का दर्जा मिलने के बाद कंपनी पर नए सिरे से कर लगाया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नगर परिषद ने कंपनी पर 15.57 करोड़ रुपये की कर देनदारी निर्धारित की थी।
हालांकि, कंपनी ने इस कर राशि को अधिक बताते हुए भुगतान करने में आनाकानी की। नगर परिषद ने कई बार नोटिस भेजे, लेकिन कंपनी ने उनकी अनदेखी की। इसके बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए महाराष्ट्र नगर परिषद अधिनियम के धारा 169 के तहत कंपनी की संपत्ति जब्त करने और टालेबंदी की कार्रवाई करने का फैसला किया।
नगर परिषद की कार्रवाई से मचा हड़कंप
मुख्याधिकारी येमाजी धुमाळ के नेतृत्व में विशेष वसूली दल जब कंपनी के मुख्य द्वार पर पहुंचा तो प्रबंधन में हड़कंप मच गया। नगर परिषद की इस कार्रवाई के कारण सिमेंट की लोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन का कार्य ठप हो गया। टालेबंदी की कार्रवाई से बचने के लिए कंपनी ने तत्काल मुख्याधिकारी को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।
करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद कंपनी प्रशासन ने कर की 30% राशि यानी 4.47 करोड़ रुपये ऑनलाइन माध्यम से जमा कर दी। इस तत्काल भुगतान के कारण टालेबंदी की कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई।
नगर परिषद का अगला कदम – शेष 70% कर वसूली
मुख्याधिकारी येमाजी धुमाळ ने स्पष्ट किया कि नगर परिषद बाकी 70% यानी लगभग 11 करोड़ रुपये की बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखेगी। शहर में इस ऐतिहासिक वसूली को लेकर चर्चा है कि नगर परिषद ने पहली बार इतनी बड़ी कर राशि की वसूली की है। इस कर से गडचांदूर नगर परिषद को काफी राजस्व प्राप्त होगा, जिससे शहर के विकास कार्यों को गति मिलेगी।
अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि प्रशासन शेष राशि की वसूली के लिए आगे क्या कदम उठाएगा और माणिकगड सिमेंट कंपनी नगर परिषद की मांगों पर क्या रुख अपनाएगी।