चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही तालुका के सरडपार गांव से कोतवाल नंदकिशोर हिरामण खोब्रागडे (46) का अपहरण कर हत्या किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। नंदकिशोर 12 तारीख से लापता थे, जिसकी रिपोर्ट 13 तारीख को उनके भाई संजय खोब्रागडे ने सिंदेवाही पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई। परिवार को नामदेव धनविजय पर संदेह था, जिस पर 14 तारीख को पुलिस को शिकायत दी गई।
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पुलिस ने 18 तारीख को नामदेव धनविजय को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसकी जानकारी पर पुलिस ने सोपान जिल्हारे नाम के दूसरे आरोपी को गिरफ्तार किया। दोनों की बयानबाजी के बाद पुलिस ने तीसरे आरोपी प्रशांत कुंभरे (25) को भी गिरफ्तार किया, जिसने पूरे हत्याकांड का खुलासा किया।
प्रशांत ने पुलिस को बताया कि 12 तारीख को नंदकिशोर को रेत आपूर्ति के बारे में बात करने के बहाने शिवाजी चौक बुलाया गया था। वहां उन्हें शराब पिलाई गई और फिर बार में ले जाकर और अधिक शराब पिलाकर उमा नदी के किनारे धक्का देकर फेंक दिया गया। 22 तारीख की सुबह उमा नदी के पास लगभग 2.5 किमी दूर नंदकिशोर का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। शव की पहचान उनके परिवार द्वारा की गई।
पुलिस ने धारा 140(3) (5) के तहत नामदेव धनविजय, सोपान जिल्हारे, प्रशांत कुंभरे और एक फरार आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आगे की जांच जिला पुलिस निरीक्षक, उप-निरीक्षक दिनकर ठोंबरे, पुलिस निरीक्षक विजय राठोड और सहायक निरीक्षक सतीश मेश्राम की टीम कर रही है।