वर्ष 2019 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भारी मतों से जीतने वाले किशोर जोरगेवार के ‘शोर’ और उनकी बुलंद आवाज से विधानसभा का सभागृह भी प्रभावित हुआ। चंद्रपुर विधानसभा (Chandrapur Assembly 2024) निर्वाचन क्षेत्र के लिए वे करोड़ों की विकास निधि खिंचकर लाने में कामयाब रहे। यही वजह है कि शायद भाजपा (BJP) भी उन्हें चंद्रपुर से अपना उम्मीदवार बनाने के लिए तैयार है। बीते कुछ दिनों से खबरें आ रही है कि निर्दलीय Mla Kishore Jorgewar भाजपा में प्रवेश कर सकते हैं। इन खबरों का खंडन अब तक जोरगेवार की ओर से नहीं किया जा सका। इसके चलते उनके पक्ष प्रवेश की संभावनाएं प्रबल है। इधर, भाजपा में अनुसूचित जाति और खासकर बौद्ध चेहरे के तौर पर उभरे हुए तथा बीते 22 वर्षों से भाजपा और Minister Sudhir Mungantiwar के निष्ठावान के रूप में कार्य करने वाले Brij Bhushan Pazhare लिए यह चिंता की घड़ी है। क्योंकि पिछली बार मंत्री मुनगंटीवार के अनुरोध पर ही पाझारे अपने उम्मीदवारी के दावे पर चुप बैठ गये थे। अब इस बार भाजपा के टिकट पर पाझारे की प्रबल दावेदारी को सेंध लगने की आशंका है। क्योंकि विधायक जोरगेवार के पक्ष प्रवेश से यहां की उम्मीदवारी पाझारे का टिकट काटकर जोरगेवार को देने से राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे। वहीं 22 वर्षों की पाझारे की मेहनत और विधायक बनने का सपना टूट जाएगा।
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BJP में जोरगेवार की इंट्री से पाझारे का 22 बरस का टूटेगा सपना !
जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घुस समीपस्त नकोड़ा निवासी ब्रिजभूषण पाझारे पिछले 22 वर्षों से लगातार नकोड़ा- मारडा क्षेत्र से पंचायत समिति चुनावों में 2 बार जीत हासिल कर चुके हैं। वे पंचायत समिति में एक बार सभापति बने उसके बाद इसी क्षेत्र के जिला परिषद चुनाव 2012 में ओपन आरक्षण में भी जीतने में सफल रहे। पश्चात जिला परिषद 2017 के चुनावों में उन्होंने जीत हासिल कर समाज कल्याण सभापति बनकर भाजपा के रथ को आगे बढ़ाया। भाजपा तहसील युवा मोर्चा के अध्यक्ष, महामंत्री, जिला अध्यक्ष, महानगर और अब भाजपा जिला ग्रामीण महामंत्री पद तक का उनका राजनीतिक सफर उनके कार्य व निष्ठा का ही फल है। यही वजह है कि बीते अनेक वर्षों से भाजपा के कार्यकर्ता और समर्थक ब्रिजभूषण पाझारे को अनुसूचित जाति के होने के चलते और चंद्रपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र SC के लिए आरक्षित होने के कारण उन्हें यहां का प्रबल उम्मीदवार मान रहे थे। इस दिशा में पाझारे ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी। वर्ष 2019 में ही पाझारे के नाम की चर्चा सामने आयी और उम्मीद की जा रही थी कि चंद्रपुर विधानसभा का भाजपा का टिकट उन्हें दिया जाएगा। लेकिन ऐन वक्त पर मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के अनुरोध पर पाझारे को अपने दावेदारी पीछे लेनी पड़ी। कहा यह जा रहा था कि पाझारे को अगली बार यकीनन टिकट दिया जाएगा। लेकिन अब यदि निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार भाजपा में प्रवेश ले लेते हैं तो ब्रिजभूषण पाझारे की मेहनत, निष्ठा और सपनों का क्या होगा ? क्या पाझारे से वर्ष 2019 में किया गया टिकट का वादा पूरा हो पाएगा ? क्या यह 22 वर्षों की भाजपा की सेवा और निष्ठापूर्ण कार्य का सही मूल्यांकन होगा या दगा देने वाली स्थिति समझी जाएगी ? भविष्य में इसके क्या परिणाम होंगे और राजनीतिक समीकरण भाजपा कैसे बिठाएगी, यह तय कर पाना मुश्किल है।
बहरहाल यह समझ लेना आवश्यक है कि नकोड़ा-मारडा चुनाव क्षेत्र में कुल 80 हज़ार वोट हैं, जिसमें ओबीसी 50%, SC 20%, आदिवासी 10%, मुसलमान 5%, ईसाई 5%, शेष अन्य जाति के हैं। जहां से ब्रिजभूषण पाझारे भाजपा का प्रतिनिधित्व करते हैं। विधानसभा चुनाव व टिकट के मसले पर जब हमने ब्रिजभूषण पाझारे से बात की तो उन्होंने दावा किया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भाजपा इस बार चंद्रपुर विधानसभा का टिकट उन्हें ही देगी। वे पिछले 22 वर्षो से लगातार नकोड़ा-मारडा क्षेत्र के साथ-साथ चंद्रपुर विधानसभा के सामान्य जनता की सेवा में कार्य कर रहे हैं।
जबकि पाझारे की सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ है। विभिन्न फ्लैटफॉर्म पर उनके अच्छे खासे फ़ॉलोअर्स हैं। साथ ही साथ पाझारे और जोरगेवार दोनों भी चंद्रपुर के स्थायी निवासी है। लेकिन जहां विधायक जोरगेवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं, वहीं पाझारे मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के करीबी हैं। और बीते लोकसभा चुनाव में विधायक जोरगेवार तथा मंत्री मुनगंटीवार के बीच रिश्तों की खटास किसी से छिपी नहीं थी। मंत्री मुनगंटीवार को लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के मूल्यांकन में विधायक किशोर जोरगेवार की बेरुखी भी समीक्षा के दायरे में है। यदि किशोर जोरगेवार का भाजपा में प्रवेश हो जाएं और भाजपा का टिकट उन्हें मिल जाएं तो मंत्री मुनगंटीवार कितनी ताकत लगातार जोरगेवार को जीता पाएंगे, यह आकलन कर पाना राजनीति के जानकारों के लिए भी काफी मुश्किल हैं। बहरहाल ब्रिजभूषण पाझारे की 22 वर्षों की मेहनत पर पानी फिरता हुआ दिखाई पड़ रहा है।