Chandrapur Zilla Parishad ग्रामीण जनता को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही “जल जीवन मिशन” योजना को चंद्रपुर जिले में भ्रष्ट अधिकारियों ने बदनाम कर दिया है। जिले में ग्रामीण पाणी पुरवठा विभाग के तीन कर्मचारियों – कार्यकारी अभियंता हर्ष यशोराम बोहरे, वरिष्ठ सहायक सुशील मारोती गुंडावार और कंत्राटी परिचर मोहम्मद मतीन फारून शेख – को 4 लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ Anti-Corruption Bureau (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है।
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क्या है पूरा मामला?
तक्रारकर्ता जिवती तालुका के एक ठेकेदार हैं, जो जल जीवन मिशन के अंतर्गत 23 गांवों में नल पाणी योजना का कार्य कर रहे थे। इनमें से 10 गांवों के कार्य पूर्ण हो चुके थे और उनके बिल जिला परिषद, चंद्रपुर को प्रस्तुत किए गए थे। 5 गांवों के कार्यों के बदले ठेकेदार को 43 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई थी, परंतु बाकी के बिलों की मंजूरी के लिए कार्यकारी अभियंता हर्ष बोहरे ने 4 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। उन्होंने यह पैसा वरिष्ठ सहायक सुशील गुंडावार को सौंपने के लिए कहा। साथ ही गुंडावार ने खुद के लिए अलग से 20 हजार रुपये की मांग की।
इस प्रकार कुल 4 लाख 20 हजार रुपये की अवैध मांग की गई।
ACB की बड़ी कार्रवाई
ठेकेदार ने यह पूरा मामला लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग, चंद्रपुर में दर्ज कराया। शिकायत की गहराई से जांच 7 से 9 अप्रैल 2025 के बीच की गई। जांच में आरोपों की पुष्टि होते ही 10 अप्रैल 2025 को जाल बिछाया गया। ठीक योजना के अनुसार, जब सुशील गुंडावार ने 4.20 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार की, तो उन्होंने 20 हजार रुपये स्वयं के लिए अलग कर लिए और बाकी 4 लाख रुपये परिचर मतीन शेख को यह कहकर दिए कि उन्हें हर्ष बोहरे के घर पहुंचा दें। जैसे ही यह पैसा अभियंता बोहरे को सौंपा गया, एसीबी की टीम ने तीनों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
चंद्रपुर जिले में हड़कंप
तीनों आरोपी – हर्ष बोहरे, सुशील गुंडावार और मतीन शेख – ग्रामीण पाणी पुरवठा विभाग, जिला परिषद चंद्रपुर में कार्यरत हैं। उनके खिलाफ रामनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले से जिले में प्रशासनिक स्तर पर जबरदस्त हड़कंप मच गया है।
जल जीवन मिशन पर सवाल
जल जीवन मिशन का उद्देश्य है कि ग्रामीण भारत में हर व्यक्ति को प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ, गुणवत्तापूर्ण पेयजल नलों के माध्यम से उपलब्ध हो। लेकिन यदि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी इस योजना को लूटने में लगे हैं, तो इसका लाभ आम जनता तक कैसे पहुंचेगा?
यह सफल कार्रवाई पुलिस अधीक्षक डॉ. दिगंबर प्रधान, अपर पुलिस अधीक्षक सचिन कदम व संजय पुरंवरे के मार्गदर्शन और पुलिस उप अधीक्षक मंजुषा भोसले के नेतृत्व में की गई। इस ऑपरेशन में जितेंद्र गुरुनुले, हिवराज नेवारे, रोशन चांदेकर, अमोल सिडाम, वैभव गाडगे समेत कई अधिकारी शामिल रहे।
सरकारी योजनाओं की सफलता तभी संभव है जब उन्हें पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ लागू किया जाए। चंद्रपुर में की गई यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त संदेश है।