देश और राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और अत्याचार की घटनाओं ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को गंभीर बना दिया है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा स्कूली छात्राओं की सुरक्षा का है। चंद्रपुर जिले में कक्षा 10वीं तक की कुल 2,504 स्कूलें हैं, जिनमें से 2,055 स्कूलों में अब तक CCTV की सुविधा नहीं है। इस स्थिति के चलते भविष्य में किसी गंभीर घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
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शिक्षा का मंदिर समझे जाने वाले स्कूल, विशेष रूप से ठाणे जिले के बदलापुर की घटना के बाद, अब राज्यभर में छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में बदलापुर में दो मासूम बच्चियों के साथ हुए अत्याचार ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। इस घटना का असर पूरे महाराष्ट्र में देखा जा रहा है और अब लोगों की नजरें इस पर हैं कि क्या शिक्षा विभाग छात्राओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा।
ऐसी घटनाएं सामने आने पर कुछ समय के लिए प्रशासन गंभीरता से सोचता है, लेकिन समय बीतने के साथ हालात फिर से पुराने हो जाते हैं। हालांकि सरकार नई योजनाएं लाती रहती है, लेकिन उनकी सख्त और सही तरीके से लागू न होने के कारण आज महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
कई अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने के कारण वे बिना किसी डर के अपराध करते हैं, जो आज के समाज की सच्चाई है।
चंद्रपुर जिले में छात्रों की संख्या इस प्रकार है:
– वरोरा तालुका: 10,739
– सिंदेवाही: 7,128
– सावली: 5,965
– राजुरा: 8,152
– पोंभुर्णा: 2,422
– नागभीड़: 8,339
– मुल: 7,080
– कोरपना: 8,264
– जीवती: 4,555
– गोंडपिपरी: 5,008
– चिमूर: 9,521
– चंद्रपुर: 29,523
– ब्रह्मपुरी: 11,608
– भद्रावती: 7,875
– बल्लारपुर: 8,138
ज्ञात हो जिले में कुल मिलाकर 1,39,287 छात्राएं हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश स्कूलों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं, जिससे इन छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, अब यह देखना बाकी है कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं, और क्या वाकई छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस पहल की जाएगी।