नागपंचमी की पूजा सामग्री खरीदकर लौट रहे दंपति की बाइक को तेज रफ्तार कार ने मारी जोरदार टक्कर
गंभीर रूप से घायल पति-पत्नी ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही तोड़ा दम
भोई समाज में शोक की लहर, पीछे छूटे तीन मासूम बच्चे और पूरा परिवार सदमे में
नागपंचमी जैसे शुभ पर्व पर जहां हर ओर श्रद्धा और भक्ति का माहौल था, वहीं चंद्रपुर जिले में रविवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। नागपंचमी की पूजा सामग्री खरीदने चंद्रपुर गए एक दंपति की वापसी के दौरान उनकी बाइक को पीछे से तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। इस भीषण दुर्घटना में पति-पत्नी दोनों की मौत हो गई। यह हादसा रविवार दोपहर करीब 3 बजे चंद्रपुर-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर साखरवाही फाटे के समीप ताडाली स्थित सीडीसीसी बैंक के पास हुआ। मृतकों की पहचान सुभाष पुंडलिक कामतवार (45) और उनकी पत्नी गिरजा सुभाष कामतवार (42), निवासी मुरसा (ता. भद्रावती) के रूप में हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दंपति पूजा सामग्री जैसे लाह्या, वटाना, फुटाने व अन्य सामान खरीदकर अपने गांव मुरसा लौट रहे थे। जैसे ही वे ताडाली स्थित सीडीसीसी बैंक के पास पहुंचे, पीछे से आ रही तेज रफ्तार कार (MH-15 JD-1096) ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों कई फीट दूर जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए।
अस्पताल ले जाते समय हुई मौत
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें चंद्रपुर के कोल सिटी निजी अस्पताल पहुंचाया। उनकी गंभीर हालत देखते हुए उन्हें नागपुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में वरोरा उपजिला अस्पताल लाते समय ही डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए चंद्रपुर जिला सामान्य अस्पताल भेजा गया है।
परिवार और समाज में मातम
मृत दंपति भोई समाज से ताल्लुक रखते थे और पीछे दो बेटे, एक बेटी समेत बड़ा परिवार छोड़ गए हैं। अचानक हुई इस दुर्घटना से पूरे मुरसा गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। नागपंचमी के दिन इस तरह की दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
यह घटना न सिर्फ एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि यातायात सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की तेज रफ्तार, ट्रैफिक नियमों का पालन न होना और सड़क किनारे सुरक्षा उपायों की कमी ऐसे हादसों को न्योता देती है। नागपंचमी जैसे त्योहारों के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शहरों की ओर सामान लेने आते हैं, जिससे ट्रैफिक दबाव और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
नागपंचमी की खुशियों को मातम में बदल देने वाली यह घटना फिर एक बार सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक अनुशासन की अहमियत को उजागर करती है। समय रहते सख्त कदम न उठाए गए तो ऐसे हादसे परिवारों की जिंदगी उजाड़ते रहेंगे।
