आकापूर में किसान की मौत के बाद ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन; ‘तीन दिन में बाघ पकड़ो, नहीं तो जन आंदोलन’ की चेतावनी
नागभीड तालुका के आकापूर और गंगासागरहेटी क्षेत्र में बाघ की बढ़ती गतिविधियों ने नागरिकों में दहशत पैदा कर दी है। हाल ही में, शुक्रवार को आकापूर निवासी किसान वासुदेव वेटे (58) की बाघ के हमले में मौत हो जाने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा है। इसके अलावा, रविवार की रात आकापूर गांव के पास बाघ ने एक कुत्ते पर भी हमला कर उसे घायल कर दिया।
नरभक्षी बाघ को पकड़ने की मांग
इसी पृष्ठभूमि में, नरभक्षी बाघ को तत्काल पकड़ने की मांग को लेकर मंगलवार, 28 अक्टूबर को आक्रोशित नागरिकों ने तळोधी बा. के शिवाजी चौक से मुख्य मार्ग होते हुए वन परिक्षेत्र कार्यालय पर धावा बोलकर प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में ग्रामीणों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और किसान संगठनों ने भाग लिया।
तीन दिन की मोहलत, वरना उग्र आंदोलन
आंदोलनकारियों ने वन विभाग को साफ चेतावनी दी कि, “तीन दिनों के भीतर नरभक्षी बाघ को पकड़ा जाए, अन्यथा ब्रम्हपुरी वन विभाग के अंतर्गत आने वाले कार्यालयों पर बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।” आंदोलन के दौरान, ग्रामीणों की ओर से वन परिक्षेत्र अधिकारी लक्ष्मी शहा को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया।
धान कटाई का काम ठप होने का खतरा
- दहशत का माहौल: आकापूर, गंगासागर हेटी, उश्राळमेंढा, सावर्ला और लखमापूर जैसे क्षेत्रों के लोग भयभीत हैं।
- बाघ का दिखना: सावर्ला-आकापूर मार्ग पर दिन के उजाले में बाघ के दर्शन हो रहे हैं।
- कृषि कार्य प्रभावित: वर्तमान में क्षेत्र में धान कटाई (धानकापणी) का महत्वपूर्ण मौसम चल रहा है, लेकिन बढ़ते खतरे के कारण खेतों में काम ठप होने की आशंका है।
आंदोलन में पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सतीश वारजूरकर, पूर्व सभापति प्रणया गड्डमवार, नागभीड कांग्रेस तालुका अध्यक्ष प्रमोद चौधरी, आकापूर सरपंच कुणाल गहाणे, गंगासागरहेटी के पूर्व सरपंच दिलीप गायकवाड, और येनोली सरपंच अमोल बावनकर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
क्षेत्रीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कृषि कार्य में बाधा को टालने के लिए वन विभाग पर अब नरभक्षी बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने का बड़ा दबाव है।
