Notorious Tiger Poacher Ajit Rajgond : विदर्भ और मध्य प्रदेश के जंगलों में सक्रिय कुख्यात शिकारी अजित राजगोंड को राजुरा स्थित प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने छह दिनों की वन हिरासत में भेजा है। अजित पर बाघों के शिकार और अंतरराज्यीय शिकार साजिशों का आरोप है।
Whatsapp Channel |
शनिवार को चंद्रपुर जिले के राजुरा तालुका के बामनवाड़ा क्षेत्र में वन विभाग ने उसे परिवार के साथ गिरफ्तार किया। हिरासत के दौरान बरामद दस्तावेज और मोबाइल रिकॉर्ड से पता चला कि उसके जरिए करीब 70 लाख रुपये के लेनदेन हुए हैं, जो बाघों के अवैध शिकार से जुड़े हो सकते हैं।
गिरफ्तारी के दौरान उसके साथ मौजूद परिवार के सदस्य, जिनमें उसकी पत्नी रिमा बाई, भाई की पत्नी, दो बहुएं, मां (इंजेक्शनबाई) और एक पोता भी शामिल थे, शुरू में वन विभाग की हिरासत में लिए गए।
शिकारी गैंग का पर्दाफाश: बड़े स्तर पर शिकार की साजिशें
अजित की गिरफ्तारी के दौरान उसके भाई केरू और साथी शेरू मौके से फरार हो गए। उनकी गिरफ्तारी के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। जांच में शिकार के उपकरण भी बरामद किए गए हैं। इस बीच, पेंच और ताडोबा जैसे प्रमुख टाइगर रिजर्व से कई बाघों के लापता होने और बाघ शावकों की भूख से हुई मौत की घटनाओं ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। विशेष रूप से ताडोबा की प्रसिद्ध बाघिन “माया” लंबे समय से लापता है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि यह शिकारी गैंग जंगलों में बड़े स्तर पर सक्रिय है।
वन विभाग की कार्रवाई:
वन विभाग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। अजित के अन्य फरार साथियों की गिरफ्तारी और शिकार के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए जांच तेज कर दी गई है। इसके अलावा, अजित के परिवार को भी फिर से हिरासत में लिया गया है ताकि उन्हें पूछताछ में शामिल किया जा सके।
वन विभाग की सख्ती: फरार अभियुक्तों की तलाश जारी
वन विभाग ने पूरे नेटवर्क को उजागर करने और अजित के फरार साथियों को गिरफ्तार करने के लिए जांच तेज कर दी है। अजित के परिवार के सदस्यों से भी दोबारा पूछताछ की जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघों के लापता होने की घटनाएं देश में बढ़ती अवैध शिकार की समस्या को उजागर करती हैं। वन्यजीव संरक्षण के लिए इसे रोकने के सख्त कदम उठाना जरूरी है।
बाघों की घटती संख्या: पर्यावरण और पर्यटकों के लिए बड़ी चेतावनी
विदर्भ और महाराष्ट्र के जंगलों से बाघों के गायब होने की खबरें वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों में चिंता बढ़ा रही हैं। ऐसे में वन विभाग द्वारा इस प्रकार के शिकारी नेटवर्क को समय रहते रोकना बेहद आवश्यक है।