सावनेर के मॉडल पर चंद्रपुर में शुरू होगा अंडरग्राउंड कोल माइन टूरिज्म, रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
चंद्रपुर जिले में पर्यटन को नई दिशा देने वाली एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हो गई है। नागपुर के सावनेर में पर्यटकों के लिए खोली गई भूमिगत कोयला खदान की तर्ज पर अब चंद्रपुर की महाकाली कॉलरी को भी पर्यटन स्थल में तब्दील किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना की पहल भाजपा विधायक किशोर जोरगेवार ने की है। इसके तहत उन्होंने वेकोलि (वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नागपुर के सावनेर विश्रामगृह में एक उच्चस्तरीय बैठक की और फिर सावनेर की भूमिगत खदान का स्वयं दौरा भी किया।
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पर्यटन और रोजगार की नई संभावनाएं
विधायक जोरगेवार ने बैठक में साफ कहा कि “महाकाली कॉलरी को पर्यटन के लिए विकसित करने से न सिर्फ चंद्रपुर को पर्यटन के नक्शे पर नई पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुलेंगे।” उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने और राज्य व केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में हुआ हर पहलू पर गहन मंथन
बैठक में वेकोलि के वरिष्ठ अधिकारी जैसे चंद्रपुर क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक श्री दातार, प्रबंधक विनोद शेंडे, संजय रेड्डी, सावनेर उपक्षेत्रीय प्रबंधक सोहन डेहरिया, कार्मिक प्रबंधक पी. सुभाष, अभियंता तपास बनर्जी और कई भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे।
विधायक जोरगेवार ने सावनेर खदान पर्यटन प्रोजेक्ट का मॉडल समझा—कैसे सुरक्षा उपाय किए गए हैं, किस प्रकार से मार्गदर्शन केंद्र, सूचना बोर्ड, प्रकाश व्यवस्था और गाइड सेवाएं विकसित की गई हैं। उन्होंने यह भी जाना कि इस परियोजना का स्थानीय स्तर पर कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
इको पार्क का भी लिया जायजा
विधायक जोरगेवार ने सावनेर इको पार्क का दौरा कर वहां की हरित आभा, साइकिल ट्रैक, स्वच्छता व्यवस्था और पर्यावरणीय सौंदर्य का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे मॉडल चंद्रपुर जिले के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी अपनाने की आवश्यकता है।
क्या है महाकाली कॉलरी?
चंद्रपुर की यह भूमिगत कोयला खदान वर्षों से बंद पड़ी है। अब इसे टूरिस्ट माइनिंग स्पॉट के तौर पर विकसित करने की योजना है। यह परियोजना अगर मूर्त रूप लेती है, तो चंद्रपुर न सिर्फ औद्योगिक बल्कि पर्यटक दृष्टिकोण से भी राज्य के लिए एक नई पहचान बन सकता है।
पर्यटन के नए युग की शुरुआत
सावनेर के सफल मॉडेल से प्रेरणा लेकर चंद्रपुर में टूरिज्म को बढ़ावा देने की यह योजना बेहद क्रांतिकारी साबित हो सकती है। भूमिगत खदान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना एक अनूठी सोच है, जिससे न केवल पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में भी विकास की रफ्तार तेज होगी।
चंद्रपुर के नागरिकों और पर्यटन प्रेमियों के लिए यह खबर उम्मीद की नई किरण है—जहां अंधेरे खदानों में उजाले का सपना आकार ले रहा है।