महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक किशोर जोरगेवार ने ऑनलाइन गेमिंग के कारण आत्महत्या और अपराध में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई। ‘ड्रीम इलेवन’, ‘एमपीएल’ जैसे ऐप्स पर सख्त कार्रवाई और नए कानून की मांग की गई। जानिए पूरी रिपोर्ट।
राज्य विधानसभा में आज एक गंभीर सामाजिक संकट पर जोरदार बहस हुई, जब विधायक किशोर जोरगेवार ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ कठोर कानून की माँग करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि “जंगली रमी”, “ड्रीम इलेवन”, “एमपीएल”, “माय इलेवन सर्कल”, “वन एसबीटी” जैसे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स युवाओं को जुए की लत में धकेल रहे हैं और उनका जीवन बर्बादी की ओर ले जा रहे हैं।
विधायक जोरगेवार ने कहा कि इन ऐप्स की आक्रामक मार्केटिंग टीवी चैनलों पर बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज़ के जरिए की जा रही है, जिससे युवाओं पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने इसे एक “सामाजिक आपदा” करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ विशेष और सख्त कानून बनाने की माँग की।
उन्होंने विधानसभा में खुलासा किया कि महाराष्ट्र सरकार के आँकड़ों के मुताबिक अब तक सिर्फ 97 अपराध दर्ज हुए हैं, जो जमीनी हकीकत के मुकाबले बेहद कम हैं। असलियत में कई आत्महत्याओं और आपराधिक घटनाओं की जड़ में ऑनलाइन गेमिंग का जाल है।
इस मुद्दे पर जवाब देते हुए राज्य के राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने स्वीकार किया कि अभी तक इस दिशा में कोई स्पष्ट कानून अस्तित्व में नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत नियम बनाने के लिए पत्र लिखा है, और राज्य सरकार भी अपनी सिफारिशें जल्द केंद्र को भेजेगी।
जोरगेवार ने जोर देकर कहा कि नए कानून में धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराएं भी जोड़ी जाएं और इन प्लेटफॉर्म्स पर कठोर कार्रवाई के स्पष्ट नियम बनाए जाएं। उन्होंने यह मांग की कि ऐसे गेमिंग ऐप्स को जुए की श्रेणी में रखा जाए और इनके प्रचार-प्रसार पर भी पाबंदी लगाई जाए।
यह मुद्दा अब केवल एक सामाजिक चिंता नहीं, बल्कि राजनीतिक चेतावनी का रूप ले चुका है। राज्य सरकार की निष्क्रियता और केंद्र सरकार की सुस्ती इस विषय को और भी गंभीर बना रही है। किशोर जोरगेवार की पहल से यह तय है कि आने वाले दिनों में विपक्ष और सत्ताधारी दलों के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ेगी।
राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कदम युवाओं और अभिभावकों के बीच बड़ी सहानुभूति बटोर सकता है। यह मुद्दा अगर सही ढंग से उठाया गया, तो महाराष्ट्र की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ ला सकता है, खासकर शहरी और अर्धशहरी क्षेत्रों में जहां ऑनलाइन गेमिंग तेजी से फैल रहा है।
- ऑनलाइन गेमिंग से आत्महत्या और अपराध में वृद्धि का आरोप
- टीवी पर सेलिब्रिटीज़ द्वारा की जा रही प्रचार की आलोचना
- विधायक किशोर जोरगेवार की सख्त कानून बनाने की मांग
- अब तक सिर्फ 97 अपराध दर्ज – सरकार के आँकड़े सवालों के घेरे में
- मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र को पत्र, परंतु कानून अब भी लंबित
- धनशोधन निवारण अधिनियम को कानून में जोड़ने की सिफारिश
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