Police Caught Liquor Smuggling from the Vehicle of BJP Candidate Deorao Bhongle in Jivti taluka Rajura Assembly”
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चंद्रपुर जिले के वरोरा तहसील के फत्तेपुर गांव परिसर में 3 दिन पूर्व ही चुनावी मटन पार्टी में शराब पीने के कारण कांग्रेस के माजी उपसरपंच की जान चली गई। कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण काकडे के चुनावी प्रचार के लिए ठेकेदार प्रमोद मगरे द्वारा आयोजित इस मटन पार्टी में शराब के नशे में धूत गजानन काले पास के कुएं में गिर गये और अपने प्राण खो बैठे। इस मामले की अभी जांच चल ही रही है कि अब भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं राजुरा के भाजपा प्रत्याशी देवराव भोंगले के वाहन से अवैध शराब की तस्करी करने की गुप्त सूचना मिलते ही पुलिस विभाग ने कार्रवाई की। इस संदर्भ में PSI निलेश वाडीवा की ओर से कार्रवाई के दौरान भाजपा नेता देवराव भोंगले का नाम व पोस्टर चस्पे बैनर वाले वाहन की खिंची गई तस्वीर का स्क्रिनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके चलते कांग्रेेस के बाद अब अवैध शराब के मामले भाजपा का नाम भी कलंकित हो रहा है।
बताया जाता है कि चंद्रपुर जिले के जिवती तहसील में विधानसभा चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी देवराव विठोबा भोंगले के प्रचार वाहन का गलत इस्तेमाल किए जाने का मामला उजागर होने से यहां खलबली मच गई है। कहा जा रहा है कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि भाजपा के उम्मीदवार देवराव भोंगले के प्रचार में इस्तेमाल की जा रही गाड़ी से शराब की तस्करी की जा रही है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने 13 नवंबर 2024 की शाम को दमपुर मोहदा गांव के पास सटिक योजना बनाकर इस वाहन को पकड़ लिया। गाड़ी का नंबर MH 34 B2 0670 है। और इसके चालक का नाम रामचंद्र शिवाजी गुट्टे बताया गया है, जो पुडियाल मोहदा का निवासी है। पुलिस ने जांच में पाया कि इस गाड़ी से 90 एमएल की चार पेटियां देशी शराब की सप्लाई की जा रही थी। पकड़ी गई शराब की कुल कीमत करीब 17,000 रुपये बताई जा रही है।
शराब तस्करी के आरोप में महाराष्ट्र दारूबंदी कानून के तहत धारा 65A के अंतर्गत आरोपी रामचंद्र शिवाजी गुट्टे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई का नेतृत्व उप-निरीक्षक नीलेश वाडीवा ने किया। उनके साथ पुलिस कांस्टेबल जगदीश मुंडे, नानेश्वर डोकले और अतुल कानवटे भी मौजूद थे। साथ ही, आदर्श आचार संहिता के पालन के तहत फ्लाइंग स्क्वॉड टीम को भी बुलाया गया, जिन्होंने पूरी कार्रवाई का पंचनामा किया। अब इस मामले की जांच पुलिस निरीक्षक कांचन पांडे कर रहे हैं। इस घटना से पूरे राजुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चर्चा का माहौल गरमा गया है और राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है।
उल्लेखनीय है कि इस चुनावी संघर्ष के बीच मतदाता ऑनलाइन पंजीयन घोटाला भी राजुरा में ही कांग्रेस ने उजागर किया था। 6853 फर्जी वोटरों के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत हुई तो जिलाधिकारी विनय गौडा को आगे आकर इन तमाम बोगस वोटरों का पंजीयन रद्द कराना पड़ा। साथ ही इसकी गहन जांच व कार्रवाई के आदेश पुलिस को दिये गये। लेकिन हैरत की बात है कि बीते माह भर में पुलिस की ओर से किसी भी आरोपी के गिरेबान तक पहुंचने की पुख्ता जानकारी प्रशासन एवं जिलाधिकारी की ओर से अधिकृत तौर पर जारी नहीं की जा सकीं है। फर्जी वोटरों के पंजीयन मामले की जांच में क्या हुआ, यह जानकारी मतदाताओं तक नहीं पहुंचाई जा रही है। ऐसे में फर्जी वोटिंग को ब्रेक तो लग गया है, परंतु अनहोनि कौनसे रास्ते से राजुरा चुनावों में प्रवेश करेगी यह कोई बता नहीं सकता। वहीं राजुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं में चुनावी प्रक्रिया को लेकर संभ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस संभ्रम को दूर करने चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है।