A police constable was brutally murdered in Chandrapur during a bar dispute : 7 मार्च, शुक्रवार रात – चंद्रपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पठाणपुरा गेट के पास स्थित पिंक पैराडाइज बार में चल रहे विवाद को सुलझाने पहुंचे दो पुलिस कांस्टेबलों पर चाकू से हमला कर दिया गया। इस हमले में आपदा प्रबंधन विभाग में तैनात पुलिस सिपाही दिलीप चव्हाण की मौत हो गई, जबकि उनके साथी समीर चापले गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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विवाद की शुरुआत और खूनी हमला
शुक्रवार की रात पिंक पैराडाइज बार में अक्षय उर्फ आकाश शिर्के और यश अनिल समुद नामक दो व्यक्तियों की बार प्रबंधन से पैसों को लेकर बहस हो रही थी। उसी समय, पास ही मौजूद पुलिसकर्मी समीर चापले ने विवाद को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन नशे में धुत अक्षय ने उन पर शराब की बोतल से हमला करने की कोशिश की। हालात बिगड़ते देख मौजूद लोगों ने स्थिति संभाल ली और मामला शांत हो गया।
लेकिन यह शांति केवल कुछ समय के लिए थी। अक्षय ने अपने साथी यश समुद को फोन कर मौके पर बुलाया। इस बीच, दिलीप चव्हाण और समीर चापले बार से निकलकर अपने घर की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से उनका पीछा किया और अचानक उन पर चाकू से हमला कर दिया।
सड़क पर बहा खून, पुलिसकर्मी की मौत
अंधेरी सड़क पर हुए इस हमले में दिलीप चव्हाण के हाथ, पीठ और पेट पर तीन घातक वार किए गए, जिससे वे लहूलुहान होकर गिर पड़े। वहीं, समीर चापले के हाथ पर भी एक वार किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए।
घटना के बाद मचा हड़कंप, त्वरित कार्रवाई में तीन गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलते ही शहर पुलिस स्टेशन की पीआई प्रभावती एकुरके के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तत्काल जांच शुरू की। मात्र एक घंटे के भीतर ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए अपराधियों के नाम हैं:
1. अक्षय उर्फ आकाश संजू शिर्के (29) – दादमहल वॉर्ड, चंद्रपुर
2. यश अनिल समुद (27) – दादमहल वॉर्ड, चंद्रपुर
3. नितेश हनुमान जाधव (29) – समाधी वॉर्ड, चंद्रपुर
गिरफ्तार आरोपियों में यश समुद के खिलाफ पहले भी IPC की धारा 324 (घातक हथियार से हमला) के तहत मामला दर्ज था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह पहले भी हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है।
दिलीप चव्हाण को दी गई शहीदों जैसी अंतिम विदाई
शनिवार दोपहर बिनबा गेट परिसर के शांतिधाम में पुलिस सिपाही दिलीप चव्हाण का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर उन्हें सलामी दी। दिलीप चव्हाण न केवल एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी थे, बल्कि मल्लखांब और कबड्डी के बेहतरीन खिलाड़ी भी थे। इसलिए उनकी अंतिम यात्रा के दौरान विठ्ठल मंदिर व्यायामशाला में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन, अपर पुलिस अधीक्षक रीना जनबंधू, पुलिस निरीक्षक प्रभावती एकुरके समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और शहरवासी मौजूद थे।
नशे और अपराध की दुनिया का खतरनाक गठजोड़
यह घटना सिर्फ एक पुलिसकर्मी पर हमला भर नहीं है, बल्कि यह शहर में बढ़ रहे नशे और अपराध की दुनिया के खतरनाक गठजोड़ को भी उजागर करती है। इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि कैसे शराबखोरी और अपराध का बढ़ता प्रभाव आम नागरिकों और पुलिसकर्मियों तक के लिए घातक साबित हो सकता है।
क्या कानून व्यवस्था पर उठ रहे हैं सवाल?
पुलिस की मुस्तैदी से भले ही आरोपियों को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया हो, लेकिन इस घटना ने शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समय रहते बार में चल रहे विवाद को गंभीरता से लिया जाता, तो शायद एक पुलिसकर्मी की जान बचाई जा सकती थी।
अब देखना यह होगा कि न्यायिक प्रक्रिया कितनी तेजी से काम करती है और क्या इन हत्यारों को सख्त से सख्त सजा मिलती है या फिर वे कानूनी पेचीदगियों के सहारे बच निकलते हैं। शहरवासियों की मांग है कि इन अपराधियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।