गत 15 अक्तूबर को सर्वप्रथम ‘चंद्रपुर तक’ डिजिटल मीडिया ने मतदाता पंजीयन में एक बड़ा घोटाला होने के प्रकरण को उजागर किया था। खबर दी गई थी कि – राजुरा के मतदाता पंजीयन में बड़ा घोटाला !, कहां से आ गये हजारों संदिग्ध वोटर ? मुख्य चुनाव आयुक्त से शिकायत – इस शिर्षक वाली खबर में ऑनलाइन मतदाता पंजीयन में हजारों की संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़े जाने की जानकारी देते हुए इस संदर्भ में कांग्रेस की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चंद्रपुर जिलाधिकारी से लिखित शिकायत किये जाने की जानकारी भी दी थी। अब इस प्रकरण की दखल जिला प्रशासन ने ली है। चंद घंटे पहले ही चंद्रपुर के जिलाधिकारी विनय गौडा ने इस मामले में पुलिस को गहन जांच कर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं। परंतु सवाल यह उठता है कि 6853 संदिग्ध पंजीकृत मतदाताओं को सूची को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पुलिस में शिकायत तो दर्ज कराई गई है, किंतु 6853 फर्जी वोटरों को खोजने में कितने दिन लगेंगे, यह एक बड़ा प्रश्न है। हालांकि यह भी सच है कि उक्त 6853 फर्जी वोटर यहां के मतदाता सूची से हटाये गये है। इसके चलते फर्जी वोटिंग की आशंका अब नहीं है। परंतु यही हालात अन्य तहसीलों में होंगे तो जिला प्रशासन इस समस्या से कैसे निपट पाएगी, यह संदेह अब भी जिले के मतदाताओं को सता रहा है।
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बताया जाता है कि राजुरा विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से मतदाताओं की पंजीकरण के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। साथ ही गलत तरीके से पंजीकृत 6853 मतदाताओं के नाम को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है। जिला कलेक्टर विनय गौड़ा जी.सी. ने इस मामले की सही जांच कर तत्काल कार्रवाई के आदेश पुलिस विभाग को दिए हैं।
राजुरा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची का नियमित कार्यक्रम भारतीय चुनाव आयोग द्वारा चल रहा है। इससे पहले मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम चलाया गया था, और राजनीतिक दलों की बैठक के बाद 6 अगस्त 2024 को प्रारूप मतदाता सूची और 30 अगस्त 2024 को अंतिम मतदाता सूची राजुरा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक मतदान केंद्र पर प्रकाशित की गई थी।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत 70-राजुरा विधानसभा क्षेत्र के राजुरा, कोरपना, जीवती और गोंडपिपरी तहसीलों से 3 अक्टूबर 2024 से बड़ी संख्या में ऑनलाइन माध्यम से नए मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन प्राप्त हुए थे। इन आवेदनों की सभी सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारियों, राजुरा, कोरपना, जीवती और गोंडपिपरी के तहसीलदारों के माध्यम से गहन जांच की गई। जांच के दौरान 6853 आवेदन ऐसे पाए गए, जिनमें आवेदक का फोटो नहीं था, जन्मतिथि और निवास प्रमाण पत्र की कमी थी, आवेदन में दर्ज नाम और प्रमाण पत्र अलग-अलग व्यक्तियों के थे, एक ही फोटो कई आवेदनों पर था, और विभिन्न नामों से आवेदन किए गए थे।
इन सभी आवेदनों की ब्लॉक स्तर अधिकारी (बीएलओ) द्वारा सत्यापन के बाद, सभी आवेदन निरस्त कर दिए गए और उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया। ये सभी आवेदन Voter Helpline App या NVSP Portal के माध्यम से ऑनलाइन किए गए थे। वास्तव में, भारतीय चुनाव आयोग ने 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके नागरिकों के लिए मतदाता सूची में नाम जोड़ने, नाम हटाने या संशोधन करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई है। लेकिन इस सुविधा का दुरुपयोग करते हुए कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने गलत फॉर्म ऑनलाइन भरे हैं, जिससे उनका पता लगाकर उन पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है।
मतदाता पंजीकरण के लिए ऑनलाइन प्राप्त 6853 अपात्र आवेदनों को विधिवत प्रक्रिया का पालन करते हुए नामंजूर कर दिया गया है, और ऐसे आवेदकों को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है, यह जानकारी राजुरा के उपविभागीय अधिकारी एवं मतदाता पंजीकरण अधिकारी रवींद्र माने ने दी है।