छत्रपती शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर 🔍अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद फरार हुए 🔍प्रशांत कोरटकर के मामले में पुलिस ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है।🔍 खबरों के मुताबिक, पुलिस को अब कोरटकर को फरार होने में मदद करने वाले सट्टा व्यवसायी धीरज चौधरी की तलाश है, जो अभी भी फरार है। गुरुवार को कोल्हापुर पुलिस का एक विशेष दल चंद्रपुर पहुंचा, जहां कोरटकर के छिपे रहने और फरारी की पूरी साजिश रची गई थी। इस दौरान पुलिस ने 🔍चंद्रपुर के सिद्धार्थ प्रीमियर होटल के मालिक और प्रबंधक से गहन पूछताछ की और उन्हें आगे की जांच के लिए कोल्हापुर बुलाने का नोटिस जारी किया गया। पुलिस ने कोरटकर के भागने के लिए इस्तेमाल की गई चारपहिया गाड़ी XUV 700 (MH 34-CD-7720) भी जब्त कर ली है।
Whatsapp Channel |
कैसे हुई कोरटकर की गिरफ्तारी?
इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को गाली देने और छत्रपती शिवाजी महाराज पर विवादित टिप्पणी करने के बाद से ही कोरटकर पुलिस के निशाने पर था। लगभग एक महीने की लुका-छिपी के बाद पुलिस ने उसे 🔍तेलंगाना के मंचीरियाल से दबोच लिया। कोल्हापुर कोर्ट ने शुक्रवार को कोरटकर की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी है, ताकि उससे गहराई से पूछताछ की जा सके। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि 11 से 15 मार्च के बीच कोरटकर चंद्रपुर के सिद्धार्थ प्रीमियर होटल में ठहरा हुआ था। उसकी रहने और भागने की पूरी व्यवस्था धीरज चौधरी और🔍 प्रशिक पडवेकर ने की थी। यही नहीं, कोरटकर ने भागने से पहले धीरज चौधरी के घर पर भी एक रात बिताई थी।
चौधरी और पडवेकर का नेटवर्क
🔍खबरों के मुताबिक, धीरज चौधरी पहले एक पेट्रोल पंप पर काम करता था, लेकिन बाद में सट्टे के कारोबार में उतर गया। पुलिस विभाग में कोरटकर की अच्छी पकड़ थी, और उसने ही चौधरी को इस अवैध धंधे में स्थापित किया। इसी कारण चौधरी और पडवेकर कोरटकर की हर तरह से मदद कर रहे थे। फरारी के दौरान कोरटकर ने जिस कार का इस्तेमाल किया, वह धीरज चौधरी के परिवार के सदस्य के नाम पर थी। फरार कोरटकर के साथ पडवेकर भी था, जिसे पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। चौधरी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है, लेकिन उसके कई राजनेताओं से रिश्ते होने के कारण मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है।
चौधरी के राजनेताओं से संबंध, सट्टा नेटवर्क से जुड़े कई चेहरे बेनकाब होने की कगार पर
धीरज चौधरी की सट्टा और क्रिकेट बेटिंग में गहरी पकड़ है और उसका संबंध कई राजनीतिक दलों के दूसरे पंक्ति के नेताओं से है। पुलिस को संदेह है कि चौधरी की गिरफ्तारी के बाद इन नेताओं की संलिप्तता भी उजागर हो सकती है।पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि पडवेकर ने पूछताछ में कई नामों का खुलासा किया है। इसके अलावा, पुलिस कोरटकर के अवैध धंधों और आपराधिक नेटवर्क की कड़ियां भी जोड़ रही है, जिससे कई प्रभावशाली लोगों पर संकट गहरा सकता है।
पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा, CCTV फुटेज ने खोली पोल
कोल्हापुर पुलिस ने पहले ही सिद्धार्थ प्रीमियर होटल के CCTV फुटेज अपने कब्जे में ले लिए हैं, जिससे साफ हुआ कि कोरटकर चंद्रपुर से तेलंगाना की ओर भागा था। अब पुलिस चौधरी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। चंद्रपुर में पुलिस की बढ़ती सक्रियता से कई लोगों के हाथ-पैर फूल गए हैं। अवैध कारोबारियों और सट्टा माफियाओं में दहशत का माहौल बना हुआ है। क्या चौधरी की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक नामों का पर्दाफाश होगा? कोरटकर के पीछे और कौन-कौन से प्रभावशाली चेहरे हैं? यह मामला आने वाले दिनों में और भी बड़ा मोड़ ले सकता है।
धीरज चौधरी ने सट्टेबाजी के आरोपों को किया खारिज, कहा- मैं ‘बुक्की’ नहीं हूं
एक राज्य के प्रसिद्ध 🔍मराठी चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में धीरज चौधरी ने स्पष्ट किया कि उनका कथित सट्टेबाजी मामले से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशांत कोरटकर को वह नहीं जानते, बल्कि उनके पीए प्रशांत पडवेकर से उनकी पहचान है। उन्होंने केवल गाड़ी की मदद की थी और होटल सिद्धार्थ प्रीमियर में हुई मुलाकात का भी उल्लेख किया। चौधरी ने बताया कि स्थानीय और कोल्हापुर पुलिस की पूछताछ में उन्होंने पूरा सहयोग किया है और आगे भी करने को तैयार हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जबरन उन्हें ‘बुक्की’ कहा जा रहा है, जबकि उनका खुद का व्यवसाय है और उनका सट्टेबाजी से कोई लेना-देना नहीं है।